(तस्वीर सहित)
पुंछ (जम्मू-कश्मीर), सात मई (भाषा) पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती पुंछ जिले में दागे गए गोलों से बुधवार को भारी तबाही हुई और नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 28 घायल हो गये।
भारत द्वारा मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाये जाने के बाद सीमा पार से भारी गोलाबारी की गयी, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गयी और 28 घायल हो गये।
भारत की इस कार्रवाई को पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के विरुद्ध जवाबी कार्रवाई माना जा रहा है।
पाकिस्तानी गोलाबारी केवल पुंछ तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि जम्मू क्षेत्र के राजौरी जिले के अग्रिम इलाकों तथा कुपवाड़ा जिले के उरी, करनाह और तंगधार सेक्टर में भी की गई।
स्थानीय निवासियों और अधिकारियों ने अंधाधुंध गोलाबारी को ‘बर्बर और कायरतापूर्ण’ बताया।
यह गोलाबारी पूरे सीमावर्ती क्षेत्र में रात करीब दो बजे शुरू हुई, जिससे दर्जनों आवासीय मकान क्षतिग्रस्त हो गए और विस्फोटों की तेज आवाज सुनकर जाग चुके लोगों को छिपने के लिए भागना पड़ा।
मौके पर स्थिति की निगरानी कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से भारी तोपखाने और मोर्टार का इस्तेमाल किया गया, जिसमें मनकोट, मेंढर, ठंडी कस्सी और पुंछ शहर के दर्जनों अग्रिम गांवों और घनी आबादी वाले नागरिक इलाकों को निशाना बनाया गया।
अंधाधुंध गोलाबारी के चलते कई मकानों को नुकसान पहुंचा, वाहन जल गए, दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं और सड़कों पर खून व मलबा बिखर गया। पुंछ का ऐतिहासिक किला और कई प्राचीन मंदिर भी क्षतिग्रस्त हो गए।
एक अधिकारी ने कहा, “निहत्थे नागरिकों को निशाना बनाना कोई वीरता नहीं, बल्कि यह पाकिस्तान की कायरता है।”
पुंछ शहर के निवासियों ने बताया कि रातभर गोलबारी की आवाज से पूरा इलाका दहल गया और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते रहे।
स्थानीय निवासी मोहम्मद जाहिद ने कहा, “यहां युद्ध जैसा माहौल था। घायल लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और परिवारों को सुरक्षित ठिकानों की तलाश करनी पड़ी। तबाही का मंजर हर तरफ देखा जा सकता था।”
धाकी के 150 से अधिक लोग अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण लेने को मजबूर हो गए।
धाकी में रहने वाले खुर्शीद अहमद ने कहा, “हमें ऐसी स्थिति की कोई उम्मीद नहीं थी। हम भाग्यशाली थे कि गोलाबारी से बच गए और इसलिए, फिलहाल किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाना ही बेहतर था।”
पुंछ में संयुक्त राष्ट्र केंद्र और वन विभाग की इमारतों के पास भी तोप के गोले गिरे, जिससे दोनों संरचनाओं को भारी नुकसान पहुंचा।
पुलिस ने बताया कि पांच मृतकों में मोहम्मद जैन खान (10) और उसकी बड़ी बहन ज़ोया खान (12) शामिल हैं।
मनकोट निवासी सरदार नवनीत सिंह ने कहा, “पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना की कार्रवाई का जवाब देने के लिए नागरिकों को निशाना बनाया। वे सैन्य ठिकानों से चूक गए और रात भर हम पर भारी गोलाबारी की, जिससे हमारे लोग मारे गए और कई घायल हो गए। हमारे घरों और संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है।”
मनकोट में सबसे पहले एक मोर्टार का गोला कालासिंह के घर पर गिरा, जिसमें उनकी पत्नी बलविंदर कौर की मौत हो गई और उनकी 13 वर्षीय बेटी घायल हो गई।
वन विभाग के मोहम्मद सादिक ने बताया कि उनके दो साथी उस वक्त घायल हो गए जब गोला वन विभाग के कार्यालय के पास गिरा। कई भयभीत निवासी सुरक्षित क्षेत्रों की तलाश में अपने घरों से भागने लगे।
पुंछ से अपने निजी वाहन से बाहार निकले मकबूल अहमद ने कहा, “हम अपने परिवार को लेकर किसी सुरक्षित जगह पर जा रहे हैं। चारों ओर डर का माहौल है।”
घटना से संबंधित कई वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिनमें तबाही के मंजर ने लोगों को झकझोरकर रख दिया है।
दमकल विभाग की टीमों को घटनास्थलों पर भेजा गया है, ताकि तोप के गोलों से लगी आग को बुझाया जा सके। स्थानीय प्रशासन राहत कार्य में जुटी हुई है, लेकिन इलाके में तनाव बना हुआ है और रुक-रुककर अब भी गोलाबारी हो रही है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक एजाज जान ने कहा, “स्थिति चिंताजनक है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं।”
जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक एस.पी. वैद ने पाकिस्तानी गोलाबारी की निंदा की।
उन्होंने पहलगाम हत्याकांड का बदला लेने के अपने वादे को निभाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते हुए कहा, ‘भारतीय सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के मुख्यालय के आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया, जो पिछले 35 वर्षों से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों और निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाते रहे हैं।’
हालांकि, वैद ने कहा कि पाकिस्तान ने सीमा के निकट रहने वाले नागरिकों को निशाना बनाकर एक बार फिर अपनी मानसिकता उजागर कर दी है।
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सेना पाकिस्तानी गोलाबारी का “मुंहतोड़ जवाब” दे रही है और नागरिकों की सुरक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है।
भाषा राखी सुरेश
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