बेंगलुरु, 22 सितंबर (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह उस याचिका पर 23 सितंबर को सुनवाई करेगा, जिसमें कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से किए जा रहे सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक सर्वेक्षण (जातिगत गणना) पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।
सर्वेक्षण की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाएं जब मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू और न्यायमूर्ति सीएम जोशी की खंडपीठ के समक्ष आईं, तो अदालत ने शुरू में सुझाव दिया कि इस मामले पर दशहरा के अवकाश के बाद सुनवाई की जा सकती है।
हालांकि, याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि यह मुद्दा बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि संबंधित प्रक्रिया में निवासियों की ‘जियो-टैगिंग’ और उनके विवरण को आधार के साथ जोड़ना शामिल है, जो गोपनीयता के अधिकारों का उल्लंघन है और आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं का लक्षित वितरण) अधिनियम, 2016 के विपरीत है।
वकील ने इस तरह का सर्वेक्षण कराने के राज्य सरकार के अधिकार पर भी सवाल उठाया।
कुछ याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुलिंग के नवदगी ने अदालत को बताया कि डेटा संग्रह का काम छह अक्टूबर तक यानी छुट्टियों के बाद अदालतों के फिर से खुलने से पहले पूरा हो जाएगा, ऐसे में उच्च न्यायालय के लिए अभी हस्तक्षेप करना जरूरी है।
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्या दशहरा के अवकाश के बाद याचिकाओं पर निर्णय होने तक डेटा संग्रहण के काम को स्थगित किया जा सकता है।
जवाब में सिंघवी ने कहा कि मौजूदा सर्वेक्षण पिछले सर्वेक्षण का एक अद्यतन स्वरूप ही है, जिस पर अदालत ने रोक नहीं लगाई थी। उन्होंने कहा कि अगर सर्वेक्षण बाद में अमान्य हो जाता है, तो इस डेटा को रद्द किया जा सकता है।
हालांकि, पीठ ने संदेह जताते हुए सवाल किया कि डेटा संग्रहण पूरा होने के बाद इसे “रद्द” कैसे किया जा सकता है। इसके बाद, पीठ ने इस प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिका पर 23 सितंबर की दोपहर को दलीलें सुनने का फैसला किया।
सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक सर्वेक्षण पर रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिकाएं राज्य वोक्कालिगा संघ, अखिल कर्नाटक ब्राह्मण महासभा, उदय शंकर बीआर, अखिल कर्नाटक वीरशैव-लिंगायत महासभा के आठ सदस्यों, वकील केएन सुब्बा रेड्डी और वोक्कालिगा समुदाय के कई अन्य लोगों ने दायर की हैं।
भाषा पारुल सुरेश
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