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Tuesday, 7 May, 2024
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स्वस्थ लोकतंत्र को मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की भूमिका का आदर करना चाहिएः स्टेन स्वामी की मौत पर US

2020 में भीमा कोरेगांव मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए गए स्वामी की जेल में कोविड से संक्रमित होने के बाद सोमवार को अस्पताल में मौत हो गई.

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नई दिल्ली: अमेरिकी विदेश विभाग के तहत अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के कार्यालय ने 84 वर्षीय स्टेन स्वामी के निधन पर शोक जताते हुए भारत से आग्रह किया कि वह ‘स्वस्थ लोकतंत्रों में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान’ करे.

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के कार्यालय ने गुरुवार को ट्वीट किया, ‘हम एक जेसुइट पादरी और आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी की मौत से दुखी हैं, जिनकी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के आरोपों के तहत भारतीय हिरासत में मौत हो गई थी. हम सभी सरकारों से स्वस्थ लोकतंत्रों में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान करने का आह्वान करते हैं.’

2020 में भीमा कोरेगांव मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए गए स्वामी की जेल में कोविड से संक्रमित होने के बाद सोमवार को अस्पताल में मौत हो गई.

अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता का कार्यालय, धार्मिक स्वतंत्रता के सार्वभौमिक सम्मान को अमेरिकी विदेश नीति के मुख्य उद्देश्य के रूप में बढ़ावा देता है. यह लगातार दुनिया भर में धार्मिक आधार पर प्रेरित शोषण, उत्पीड़न और भेदभाव पर नजर रखता है. यह ऐसी चिंताओं को दूर करने के लिए नीतियों की सिफारिश, विकास और कार्यान्वयन भी करता है.

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यह बयान तब आया है जब मानवाधिकार रक्षकों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत मैरी लॉलोर और मानवाधिकारों के लिए यूरोपीय संघ के विशेष प्रतिनिधि एमोन गिलमोर ने कहा कि स्वामी को ‘आतंकवाद के झूठे आरोपों’ में कैद किया गया था और यूरोपीय संघ इस मुद्दे को भारत सरकार के साथ ‘बार- बार’ उठाता रहा है.

हालांकि, विदेश मंत्रालय ने इन बयानों को खारिज किया है और कहा है कि भारत अपने सभी नागरिकों के मानवाधिकारों को बढ़ाने और उसके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को एक स्वतंत्र न्यायपालिका और राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय मानवाधिकार आयोगों की एक पूरी श्रृंखला द्वारा पूरा किया जाता है.

USCIRF ने अमेरिका से भारती सरकार को जवाबदेह ठहराने का किया आग्रह

एक स्वतंत्र, द्विदलीय अमेरिकी संघीय सरकार के निकाय- संयुक्त राज्य अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ)- ने स्टेन स्वामी के निधन की निंदा करते हुए एक बयान भी जारी किया. यूएससीआईआरएफ ने केंद्र सरकार द्वारा ‘जानबूझकर उपेक्षा’ और ‘टारगेट’ किए जाने की ओर इशारा किया जिसके कारण उनकी मौत हो गई.

उसमें यह भी कहा गया है कि स्वामी की मौत से ‘गहरा दुख’ पहुंचा है.

यूएससीआईआरएफ की प्रमुख नाडीन मेन्ज़ा ने कहा, ‘हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह भारत सरकार को जवाबदेह बनाए और अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंधों में धार्मिक स्वतंत्रता की चिंताओं को उठाएं.’

स्वामी पार्किंसंस रोग से पीड़ित थे और जेल में रहते हुए कोविड-19 संक्रमित हो गए थे. दिसंबर 2020 में कार्यकर्ता को तलोजा जेल अधिकारियों ने एक स्ट्रॉ और सिपर दे दिया था, जिसके लिए वह चार हफ्तों से अनुरोध कर रहे थे.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ेंः स्टेन स्वामी ने पूरा जीवन गरीबों और शोषितों की सेवा में लगा दिया, उन्होंने अपनी ‘कमिटमेंट’ की कीमत चुकाई


 

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