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Friday, 26 April, 2024
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यूपी में 50 साल से ऊपर के स्वास्थ्य विभाग कमर्चारियों की होगी स्क्रीनिंग, ‘अंडर परफॉर्मेंस’ पर होंगे जबरन रिटायर

विभाग में कार्यरत 50 वर्ष की उम्र के लिपिक संवर्ग (क्लर्क पोस्ट) की सेवाओं की दक्षता की स्क्रीनिंग के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. कर्मचारी संगठन की देशभर में प्रदर्शन की तैयारी.

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लखनऊ: यूपी में योगी सरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि 50 वर्ष से ऊपर की उम्र वाले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की स्क्रीनिंग कराई जाएगी और ‘अंडर परफॉर्मेंस’ वाले कर्मचारियों को जबरन रिटायर कराया जाएगा. मंगलवार देर शाम को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा निदेशक डाॅ. पूजा पाण्डेय की ओर से इस सम्बन्ध में आदेश जारी किया गए.

आदेश के मुताबिक, विभाग में कार्यरत 50 वर्ष की उम्र के लिपिक संवर्ग (क्लर्क पोस्ट) की सेवाओं की दक्षता की स्क्रीनिंग की जाएगी. इसके लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. ये कमेटी 50 साल से ऊपर वाले कर्मचारियों की स्क्रीनिंग करेगी और रिपोर्ट देगी. विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अटेंडेंस, फिजिकल फिटनेस और कम्प्यूटर चलाने की दक्षता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जिसके आधार पर ये स्क्रीनिंग होगी.

आदेश जारी होते ही कर्मचारी संगठन आगबबूला हो गए हैं और इस आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.


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‘कोविड फेज में इस तरह के फैसले खतरनाक’

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद यूपी के जनरल सेक्रेटरी अतुल मिश्रा के मुताबिक, सरकार का ये फैसला निंदनीय है. इससे लगभग 1400 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है.बता दें कि ये सभी पर्मानेंट पोस्ट हैं.साथ ही ‘स्क्रीनिंग’ में अंडर परफॉर्मेंस के नाम पर किसे हटा दिया जाए ये डर हर कर्मचारी के मन में आ गया है. कोविड फेज में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की अहम भूमिका है. हर जिले में सीएमओ (चीफ मेडिकल ऑफिसर) ऑफिस में क्लास थ्री, क्लास फोर्थ की भूमिका अहम है. कोविड से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं की माॅनिटरिंग में हमारी अहम भूमिका है.

अगर ऐसे फेज में हटाया गया तो इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ेगा. भले ही हम पैरामेडिकल स्टाफ में न आते हों लेकिन कोरोनाकाल में हमारी अहम भूमिका है. ऐसे में कर्मचारियों के मनोबल पर असर पड़ेगा.

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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस फैसले के खिलाफ परिषद के कर्मचारी नेता हर जिले के कर्मचारियों से बात करेंगे और 14 अक्टूबर को प्रदेशभर में इसके खिलाफ धरना-प्रदर्शन होगा. हमारी अन्य मांगें भी हैं जिनको प्रदर्शन के दौरान उठाएंगे. ये 5 मांगे अहम हैं-

-स्क्रीनिंग करके रिटायर करने की कार्यवाही रोकी जाय. नियुक्ति प्रक्रिया नियमावली में किसी भी प्रकार का परिवर्तन न किया जाए.

-रिक्त पदों पर 3 माह में नियुक्तियां और पदोन्नति की जाए.

– रोके गए महंगाई भत्ते एवं अन्य भत्तों का भुगतान किया जाय.

-कोविड-19 की बीमारी से शहीद कर्मचारियों को 50 लाख की धनराशि दी जाए और मृतक के आश्रित को तत्काल नियुक्ति दी जाए.

-दीपावली से पहले सभी प्रकार के कर्मचारियों के बोनस भुगतान किया जाए.

पिछले दिनों पुलिस विभाग को दिए गए थे निर्देश

बीते दिनों यूपी पुलिस विभाग में भी 50 साल से ऊपर के कर्मचारियों की स्क्रीनिंग के निर्देश दिए गए हैं. डीजीपी हेडक्वाॅर्टर्स से पुलिस की सभी इकाइयों को लिखे गए पत्र में 31 मार्च 2020 को 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग कराए जाने निर्देश दिए गए हैं. इनमें सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक के पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त देने के लिए स्क्रीनिंग की जानी है.


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