नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत को एक वैश्विक स्रोत बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार चिकित्सकों, नर्स और फार्मासिस्ट समेत स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के सभी वर्गों का एक ऑनलाइन डेटाबेस तैयार कर रही है, जिसमें यह भी बताया गया होगा कि ये पेशेवर किस देश में सेवाएं देने की इच्छा रखते हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि ‘आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन’ (एबीडीएम) के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) द्वारा विकसित पोर्टल का 15 अगस्त को लोकार्पण होने की उम्मीद है। इस पोर्टल को सरकार की ‘हील बाय इंडिया’ पहल के तहत विकसित किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि पोर्टल पर अपनी जानकारी मुहैया कराना सभी स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए स्वैच्छिक होगा और डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उपलब्ध कराई गई व्यक्तिगत जानकारी यूआईडीएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) द्वारा प्रमाणित की जाएगी और संबंधित परिषद पंजीकरण विवरण को सत्यापित करेंगी।
सूत्रों ने बताया, ‘‘पोर्टल 15 जून को तैयार हो जाएगा, जिसके बाद स्वास्थ्य सेवा पेशेवर इस पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे।’’
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘उनके पास यह बताने का विकल्प होगा कि वे किस देश में काम करना चाहते हैं, वे किन भाषाओं के जानकार हैं और उनके पास किस देश का वीजा है। इसमें उनकी सामान्य पृष्ठभूमि की जानकारी के अलावा उस देश के लिए योग्यता परीक्षा का विवरण होगा, जहां वे काम करने को इच्छुक हैं।’’
अधिकारी ने बताया कि चिकित्सकों और नर्स के लिए एनएचए द्वारा विकसित एक स्वास्थ्य पेशेवर रजिस्ट्री पहले से ही मौजूद है। इसमें अब तक 32,059 चिकित्सकों और 3,527 नर्स ने पंजीकरण कराया है और उनमें से 15,531 चिकित्सकों और 687 नर्स की जानकारी का सत्यापन किया जा चुका है। अधिकारी ने बताया कि इस रजिस्ट्री का डेटा भी नए पोर्टल में शामिल किया जाएगा।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘एक बार पोर्टल का लोकार्पण हो जाने के बाद, मरीज और स्वास्थ्य पेशेवरों की भर्ती करने के इच्छुक भारतीय या विदेशी संस्थान विशेषज्ञता या चिकित्सा की प्रणाली, ज्ञात भाषाओं और काम के लिए पसंदीदा देश के आधार पर आवश्यक पेशेवर की तलाश कर सकेंगे।’’
भाषा सिम्मी सुभाष
सुभाष
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.