नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) भारत में कैंसर के करीब 26 प्रतिशत मरीजों को सिर और गर्दन में ट्यूमर (कैंसर) है तथा ऐसे मामलों में वृद्धि ही हो रही है। एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है।
शनिवार को विश्व सिर और गला कैंसर दिवस पर यह अध्ययन जारी किया गया। देश के 1869 कैंसर मरीजों पर यह अध्ययन किया गया है।
दिल्ली स्थित गैर-लाभकारी संगठन ‘कैंसर मुक्त भारत फाउंडेशन’ ने एक मार्च से 30 जून तक अपने हेल्पलाइन नंबर पर प्राप्त कॉल से डेटा एकत्र करके यह अध्ययन किया।
कैंसर मुक्त भारत अभियान का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष गुप्ता ने कहा कि भारत में विशेष रूप से युवाओं में सिर और गर्दन के कैंसर के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, जिसकी वजह तंबाकू के बढ़ते सेवन और ‘ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी)’ संक्रमण है।
गुप्ता ने कहा, ‘‘लगभग 80-90 प्रतिशत मौखिक कैंसर के रोगी किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते पाए गए हैं, चाहे वह धूम्रपान हो या खैनी चबाना। अन्य कैंसरों के विपरीत सिर और गर्दन के अधिकांश कैंसर रोके जा सकते हैं, जिसका कारण अज्ञात है। यह एक रोकथाम योग्य कैंसर है जिसे जीवनशैली में बदलाव करके रोका जा सकता है।’’
गुप्ता ने कहा, ‘‘तंबाकू छोड़ने के लिए जागरूकता बढ़ाने और रोग का शीघ्र पता लगाने के लिए प्रारंभिक जांच कराने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा कि भारत में कैंसर के लगभग दो तिहाई मामलों का पता देर से चलता है, जिसकी वजह संभवतः उचित जांच नहीं कराया जाना है।
गुप्ता ने कहा कि कैंसर मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य शिक्षा और प्रारंभिक पहचान के माध्यम से व्यक्तियों और समुदायों में कैंसर के मामलों और प्रभाव को कम करना है।
भाषा राजकुमार माधव
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