नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ मानहानि के मामले को खारिज करने के आदेश को चुनौती दी गई है
न्यायमूर्ति विकास महाजन इस मामले की सुनवाई करेंगे।
याचिका में प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि मानहानि की शिकायत को खारिज और मजिस्ट्रेट अदालत के समन को रद्द कर विशेष न्यायाधीश ने कानून में अपनी शक्ति से बाहर जाकर काम किया।
याचिका में आरोप लगाया कि विशेष न्यायाधीश ने शिकायतकर्ता को अपने आरोपों को साबित करने के लिए मुकदमा चलाने की अनुमति ही नहीं दी।
आदेश को रद्द करने का अनुरोध करते हुए याचिका में कहा गया कि इसमें कई ‘‘कानूनी खामियां’ नहीं हैं।
इसमें दावा किया गया, ‘‘विशेष न्यायाधीश (सांसद/विधायक मामले) ने आपराधिक शिकायत से हटकर ऐसे मुद्दों पर गौर किया जिनका इस मामले में कोई ज्यादा महत्व नहीं है।’’
भाजपा की दिल्ली इकाई के पूर्व मीडिया प्रमुख एवं प्रवक्ता द्वारा दायर शिकायत के अनुसार, आतिशी ने 27 जनवरी 2024 और उसके बाद दो अप्रैल 2024 को आयोजित एक संवाददाता में ‘‘निराधार’’ आरोप लगाए। इस दौरान आतिशी ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने आप विधायकों से संपर्क किया और उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए 20 से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की।
शिकायत में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी आरोपी बनाया गया है।
हालांकि, मजिस्ट्रेट अदालत ने 28 मई 2024 को आदेश पारित कर कहा कि केजरीवाल के खिलाफ आरोप लगाने के संबंध में पर्याप्त आधार नहीं है।
हालांकि, आतिशी ने उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देते हुए एक पुनरीक्षण याचिका दायर करके विशेष न्यायाधीश की अदालत का रुख किया।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने 28 जनवरी को कहा था, ‘‘आतिशी की ओर से लगाए गए आरोप राजनीतिक भ्रष्टाचार के संबंध में अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के इस्तेमाल के समान हैं और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 के तहत मानहानि नहीं करते।’’
भाषा खारी प्रशांत
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