नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जहांगीरपुरी मामले में गिरफ्तार किए गए एक आरोपी बाबुद्दीन के की जमानत याचिका के मामले में नोटिस जारी कर दिया है.
शुक्रवार को जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने दिल्ली पुलिस से इस मामले में प्रतिक्रिया मांगी है और मामले को 6 जून 2022 के लिए सूचीबद्ध कर लिया है. एडवोकेट केसी मित्तल और एडवोकेट मोबिना खान बाबुद्दीन के मामले में कोर्ट के सामने पेश हुए.
याचिका में कहा गया है कि बाबुद्दीन का कहे गए व्यक्ति के साथ कोई भी कनेक्शन नहीं था और अभियोजन पक्ष आवेदनकर्ता को अंसार के साथ संबंधित सिद्ध करने में असफल रहा.
ऐसा आरोप लगाया गया कि जब अभियोजन पक्ष आवेदनकर्ता को मुख्य आरोपी अंसार के साथ जोड़ने में असफल रहा तो आवेजनकर्ता को फंसाने के लिए गलत तरीके से कहानी बनाई गई जो कि कोर्ट के सामने अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए वीडियो से भी मेल नहीं खाता है.
अभियोजन पक्ष ने कहा था कि आवेदनकर्ता का भाई जफर अहमद ने उससे दुकान से तलवार लाने को कहा और उसका भाई उसके अनुसार तलवार लेकर आया और खुद भी तलवार ले रखी थी जो कि सीसीटीवी कैमरे में कैप्चर हो गया था. हालांकि, कही गई बात ट्रायल कोर्ट के सामने प्रस्तुत किए गए फैक्ट के उलट है.
बता दें कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को दो वर्गों के बीच में हनुमान जयंती के मौके पर हिंसक झड़प शुरू हो गई थी. इस घटना में एक आम नागरिक समेत 8 पुलिसवालों घायल हो गए थे.
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