मुंबई, 19 जून (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को मानसून के इस मौसम में खुले मैनहोल के कारण किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एक ‘‘सरल और अस्थायी’’ तंत्र तैयार करने का निर्देश दिया।
उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह नगर निकाय से पूछा था कि शहर के प्रत्येक मैनहोल में सुरक्षात्मक ग्रिल क्यों नहीं लगाई जा सकती ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई व्यक्ति या जानवर खुले मैनहोल में नहीं गिरे। बीएमसी ने शुरू में कहा था कि सुरक्षात्मक ग्रिल केवल बाढ़ संभावित क्षेत्रों में स्थित मैनहोल में ही लगाए जाएंगे।
बीएमसी ने सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नितिन जामदार और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ को सूचित किया कि सभी मैनहोल के लिए सुरक्षात्मक ग्रिल का एक प्रोटोटाइप डिजाइन बनाया गया है और जून 2024 तक शहर के सभी मैनहोल में सुरक्षात्मक ग्रिल होंगे।
इस पर पीठ ने कहा कि वह बीएमसी की योजना की सराहना करती है, लेकिन एक साल बहुत लंबा है। अदालत ने कहा, ‘‘एक साल बहुत लंबा समय है। मानसून के मौसम में अप्रिय घटना की आशंका रहती है। हम कोई दुर्घटना नहीं चाहते। क्या कोई सरल और अस्थायी तंत्र नहीं बनाया जा सकता?’’
पीठ ने कहा, ‘‘आप (बीएमसी) जो योजना बना रहे हैं वह एक विस्तृत तंत्र है। क्या इसके लिए कोई आसान तरीका नहीं है?’’
बीएमसी के वकील अनिल सखारे ने पीठ को सूचित किया कि इस मुद्दे पर 23 जून को होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी। पीठ ने इसके बाद मामले में आगे की सुनवाई के लिए 26 जून की तारीख तय की।
अदालत अधिवक्ता रुजू ठक्कर द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उच्च न्यायालय के 2018 के आदेशों को लागू करने में विफल रहने के लिए बीएमसी अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया गया है। उच्च न्यायालय ने मुंबई की सभी मुख्य सड़कों पर गड्ढों को भरने और खराब सड़कों तथा गड्ढों से संबंधित शिकायतों के निपटारे के लिए एक समान तंत्र तैयार करने का निर्देश दिया था।
भाषा आशीष अविनाश
अविनाश
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