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रविवार, 8 जून, 2025
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मादक पदार्थों को लेकर ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति अपनाई है: गृह मंत्री अमित शाह

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चंडीगढ़, 30 जुलाई (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि नशीले पदार्थों को लेकर केंद्र की ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति के परिणाम दिख रहे हैं।

शाह ने कहा कि 2006-13 की तुलना में 2014-21 की अवधि में 3.3 लाख किलोग्राम मादक पदार्थ की बरामदगी और गिरफ्तारी में 260 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्य पंजाब में नशीले पदार्थों की समस्या ‘‘अधिक’’ है। शाह ने कहा कि केंद्र नशीले पदार्थों के खतरे के खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

गृह मंत्री ने कहा कि सरकार कानूनों को और सख्त बनाने के लिए सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर रही है तथा उसने मादक पदार्थ रोधी प्रयासों में राज्यों के साथ जुड़ने के लिए सक्रिय रुख अपनाया है।

शाह ने कहा कि स्वस्थ समाज और समृद्ध राष्ट्र के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण है क्योंकि ‘‘नशीले पदार्थों के व्यापार से उत्पन्न होने वाली काली कमाई का उपयोग देश के खिलाफ गतिविधियों में किया जाता है।’’

शाह नशीले पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे। सम्मेलन का आयोजन स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा किया गया है।

शाह ने कहा, ‘‘हर कोई कहता है कि पंजाब में मादक पदार्थ की समस्या अधिक है, जो एक सीमावर्ती राज्य है। इसलिए, हमें और प्रयास करने होंगे। यदि राज्य सरकार जमीन आवंटित करती है, तो केंद्र अमृतसर में एक फॉरेंसिक लैब और प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए एनसीबी का एक छोटा केंद्र स्थापित करेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘… हमें इस समस्या से लड़ने के लिए संयुक्त प्रयास करने होंगे… भारत सरकार नशीले पदार्थों के खतरे से लड़ने के लिए पंजाब सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। हमें पंजाब के युवाओं को नशीले पदार्थों के खतरे से बाहर निकालना है।’’

शाह ने कहा, ‘‘जब नरेंद्र मोदी जी 2014 में प्रधानमंत्री बने, तो भारत सरकार ने मादक पदार्थों को लेकर ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति अपनाई।’’ उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों के खिलाफ तेजी से और सही दिशा में बढ़ रही लड़ाई के परिणाम दिखने शुरू हो गए हैं।

शाह ने कहा कि 2006-2013 के दौरान 1.52 लाख किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किया गया जबकि 2014-2021 की अवधि में 3.3 लाख किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किया गया। उन्होंने कहा कि 2006-2013 के बीच 768 करोड़ रुपये मूल्य के मादक पदार्थ जब्त किए गए जबकि 2014-21 के बीच 20 हजार करोड़ रुपये मूल्य के मादक पदार्थ जब्त किए गए।

शाह ने कहा कि दर्ज होने वाले मामलों की संख्या में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों (2014-2021) के दौरान गिरफ्तारियों में 260 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। शाह ने कहा, ‘‘इस लड़ाई में राज्यों को एकसाथ लाना और इसमें तालमेल बिठाना बहुत जरूरी है।’’

गृह मंत्री ने कहा कि नशीले पदार्थों का न केवल सेवन करने वालों पर, बल्कि समाज, अर्थव्यवस्था और देश की सुरक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसे पूरी तरह से खत्म करना होगा।’’

सम्मेलन के आयोजन के साथ ही एनसीबी द्वारा दिल्ली, चेन्नई, गुवाहाटी और कोलकाता में लगभग 31,000 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किया गया।

शाह ने कहा कि गृह, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और स्वास्थ्य सहित विभिन्न मंत्रालयों ने एनसीबी सहित विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में हाथ मिलाया है।

उन्होंने कहा कि प्रतिकूल ताकतों को नशीले पदार्थों के व्यापार से उत्पन्न ‘काली कमाई’ का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों में करने से रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है।

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘हमने राज्यों को इससे (नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई) जोड़ने के लिए सक्रिय रुख अपनाया है।’’

शाह ने कहा, ‘‘परिणाम उत्साहजनक हैं और यह दर्शाता है कि यह ऐसी समस्या नहीं है जिसे पूरी तरह खत्म न किया जा सके।’’ उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सभी एजेंसियों को एक&दूसरे के प्रयासों का पूरक होना चाहिए।

विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय के लिए, नियमित बैठकें आयोजित करने के वास्ते वर्ष 2016 में गृह मंत्रालय द्वारा नार्को समन्वय केंद्र (एनसीओआरडी) तंत्र की स्थापना की गई थी।

शाह ने कहा कि बेहतर समन्वय और सहयोग के लिए 2019 में गृह मंत्रालय द्वारा एनसीओआरडी प्रणाली को जिला स्तर तक चार स्तरों पर पुनर्गठित किया गया और बैठकें नियमित रूप से होती हैं।

शाह ने कहा, ‘‘अगर वांछित परिणाम हासिल करना है तो हमें जिला स्तर पर और जोर देना होगा।’’

उन्होंने सम्मेलन में पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ पंजाब के राज्यपाल की उपस्थिति की ओर इशारा करते हुए उनसे सप्ताह में कम से कम तीन घंटे और महीने में एक दिन मादक पदार्थ के मुद्दे पर समर्पित करने का आग्रह किया।

शाह ने कहा, ‘‘जब तक हम इस दृष्टिकोण को नहीं अपनाते और जब तक यह संस्कृति हमारे कार्यालय से शुरू नहीं हो जाती, तब तक यह नीचे नहीं फैल सकती।’’ उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि 21 राज्यों ने मादक पदार्थ रोधी कार्यबल का गठन किया है। शाह ने कहा कि ‘डार्कनेट’ और ‘क्रिप्टोकरंसी’ मादक पदार्थ के व्यापार से संबद्ध हैं और गृह मंत्रालय ने हाल ही में इस संबंध में एक कार्यबल का गठन किया है।

भाषा अमित नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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