नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुई भगदड़ की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है. राज्य के राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से बुधवार को यह जानकारी दी गई.
अधिकांश अनुयायियों की मौत दम घुटने के कारण हुई. हाल के वर्षों में हुई यह सबसे बड़ी त्रासदी है.
हाथरस जिले के फुलरई गांव में बाबा नारायण हरि द्वारा आयोजित सत्संग में शामिल होने के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे हुए थे. बाबा नारायण हरि, साकार विश्व हरि भोले बाबा के नाम से भी लोकप्रिय हैं और यह सत्संग पिछले दो दिन से चल रहा था.
हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं किया जा सका है कि भगदड़ की वजह क्या थी, ऐसी खबरें हैं कि समापन समारोह में भीड़ के कारण कई उपस्थित लोगों को घुटन महसूस हुई और वे बेहोश हो गए.
कुछ लोगों का कहना है कि लोग प्रवचनकर्ता की कार के पीछे भागते समय कीचड़ में फिसल गए, जिससे भगदड़ मच गई.
विभिन्न रिपोर्टों में कहा गया है कि उपस्थित लोगों की संख्या कार्यक्रम स्थल पर अनुमत सीमा से अधिक थी. खबरों के मुताबिक, 80 हज़ार लोगों को बुलाने की अनुमति ली गई थी, लेकिन यह संख्या ढाई लाख को पार कर गई थी.
घायलों और पीड़ितों के शवों को अलीगढ़, हाथरस, कासगंज समेत अन्य अस्पतालों में ले जाया गया है.
हाथरस पुलिस ने आम जनता के लिए भगदड़ से जुड़ी जानकारी लेने के लिए दो हेल्पलाइन नंबर – 9259189726 और 9084382490 जारी किए हैं.
एटा की एक प्रत्यक्षदर्शी डिम्पी शुक्ला ने दिप्रिंट को फोन पर बताया कि कार्यक्रम में शायद ही कोई प्रबंधन किया गया था.
शुक्ला ने दावा किया कि बाबा जी के पैर छूने की कोशिश करते समय लोगों में भगदड़ मच गई थी.
उन्होंने कहा, “मृतकों में ज़्यादातर महिलाएं हैं. शवों के ढेर लगे हुए हैं. लोग बाबा जी के पैर छूने के लिए दौड़ रहे थे. कार्यक्रम में काफी भीड़ थी और प्रशासन की ओर से शायद ही कोई प्रबंधन था.”
राहत आयुक्त द्वारा जारी की गई ताजा सूची के अनुसार मृतकों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है, जिनमें से 19 की पहचान अभी भी नहीं हो पाई है.
उन्होंने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है, जिसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा. इनमें कुछ शवों को बर्फ की सिल्लियों पर रखा गया है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि मामले में पुलिस ने ‘मुख्य सेवादार’ और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
अधिकारी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
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