हाथरस: हाथरस कांड के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर ने शुक्रवार रात पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. मधुकर उस कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था, जिसमें भगदड़ मच गई थी, जिसके परिणामस्वरूप 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.
हाथरस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) निपुण अग्रवाल ने दिप्रिंट को बताया कि घटना के बाद से फरार चल रहे मधुकर को दिल्ली के नजफगढ़ से गिरफ्तार किया गया और “उससे पूछताछ की जा रही है”. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के बारे में जानकारी साझा करने के लिए शनिवार को एक प्रेस वार्ता आयोजित की जाएगी.
मधुकर नारायण, साकार हरि उर्फ भोले बाबा का करीबी सहयोगी है, जो एक स्वयंभू संत हैं, जिनके सत्संग में भगदड़ मची थी. रिपोर्ट के मुताबिक घटना के बाद बाबा ने उससे फोन पर लंबी बातचीत की थी.
मामला दर्ज होने के बाद हाथरस पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. अब तक पुलिस ने घटना के सिलसिले में मधुकर समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है.
इससे पहले एसपी अग्रवाल ने दिप्रिंट को बताया था कि मधुकर की गिरफ्तारी के बाद उससे बाबा के बारे में पूछताछ की जाएगी, जो घटना के बाद से ही फरार है. उन्होंने कहा, “हम इसमें बाबा की भूमिका के बारे में भी पूछेंगे.” सत्संग के मुख्य आयोजक मधुकर का नाम एफआईआर में आरोपी के तौर पर दर्ज है, जबकि भोले बाबा का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज नहीं है.
बाबा और मधुकर के वकील एपी सिंह ने बयान जारी कर कहा कि मधुकर ने पुलिस, एटीएस और एसटीएफ को दिल्ली बुलाकर उनके सामने सरेंडर कर दिया है. सिंह ने बताया कि मधुकर का नजफगढ़ में इलाज चल रहा है.
गिरफ्तारी के बाद, अपनी चुप्पी तोड़ते हुए, भोले बाबा ने ANI को दिए एक वीडियो बयान में 2 जुलाई की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और “दर्द सहने की शक्ति के लिए प्रार्थना की”. भोले बाबा ने लोगों से सरकार और प्रशासन पर भरोसा करने का आग्रह किया और कहा कि वह पीड़ितों की मदद करेंगे और हमेशा मृतकों के परिवारों के साथ खड़े रहेंगे. उन्होंने दावा किया कि भगदड़ एक “साजिश” थी.
उन्होंने कहा, “कृपया सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखें. मुझे विश्वास है कि जिसने भी अराजकता फैलाई, उसे बख्शा नहीं जाएगा.”
बाबा ने कहा कि उन्होंने अपने वकील के माध्यम से समिति के सदस्यों से शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़े होने का अनुरोध किया है. “मैंने समिति के सदस्यों से शोक संतप्त परिवारों और घायलों के साथ खड़े होने और जीवन भर उनकी मदद करने का अनुरोध किया है…”.
2 जुलाई को हाथरस के फुलराई गांव में सत्संग के बाद भगदड़ मच गई, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई. हाथरस पुलिस के अनुसार, मृतकों में 112 महिलाएं, सात बच्चे और दो पुरुष शामिल थे.
पुलिस ने मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों तथा सेवादारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
मंगलवार देर रात सिकंदराराऊ थाने में मधुकर और अन्य अज्ञात आयोजकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (हत्या), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (सरकारी कर्मचारी के आदेश की अवज्ञा) और 238 (अपराध करने के लिए उकसाना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई. मैनपुरी में भोले बाबा की तलाश में पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी है.
एफआईआर के मुताबिक आयोजकों ने 80,000 लोगों की भीड़ के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन जानबूझकर यह तथ्य छिपाया कि पिछले आयोजनों में लाखों लोग शामिल हुए थे.
एफआईआर के अनुसार, आयोजकों ने 80,000 लोगों की भीड़ के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन जानबूझकर यह तथ्य छिपाया कि पिछले आयोजनों में लाखों लोग शामिल हुए थे. मंगलवार को विभिन्न जिलों और पड़ोसी राज्यों से लगभग 2,50,000 श्रद्धालु एकत्र हुए थे.
एसपी अग्रवाल ने दिप्रिंट को बताया कि कार्यक्रम के आयोजन के लिए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया, जबकि पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सत्संग स्थल पर सीसीटीवी कैमरे, एंबुलेंस और उचित सड़क व्यवस्था की कमी जैसी समस्याएं सामने आईं.
एसपी ने यह भी बताया कि बाबा ने कार्यक्रम के दौरान पुलिस को कार्यक्रम स्थल में प्रवेश नहीं करने दिया और उनकी मौजूदगी भी नहीं चाहते थे. पुलिस ने दावा किया कि सेवकों ने उन्हें फोटो और वीडियो लेने से रोका और उनके साथ अभद्र व्यवहार किया.
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