नई दिल्लीः सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ रही है कि हरियाणा सरकार ने पुलिस को ईद के दिन मुसलमानों के घरों में जाकर हांडी चेक करने के आदेश दिए हैं. कथित तौर पर लोगों के घरों में बन रहे पकवान चेक करने के लिए कहा गया है ताकि ये पता लगाया जा सके कि किसी के घर में बीफ तो नहीं पकाई जा रही. कुछ लोगों ने लिखा कि हरियाणा में मॉब लिंचिंग की घटनाओं से यहां के मुसलमान डर में जी रहे हैं. ये आरोप भी लगाया जा रहा है कि हरियाणा सरकार के साथ-साथ हरियाणा पुलिस भी सांप्रदायिक हो गई है. ये कथित आदेश हरियाणा गो सेवा आयोग के कहने पर दिया गया, बताया जा रहा है. ईद की तारीख 4-5 जून को बताई जा रही है.
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दिप्रिंट ने इस खबर की पड़ताल करने के लिए हरियाणा गोरक्षा आयोग के अधिकारियों से बात की. आयोग के सदस्य डॉक्टर राज सैनी ने बताया, ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है. ये महज अफवाह है. अभी देश में चुनाव खत्म हुए हैं. कुछ लोग दोनों धर्मों के बीच आग लगाने का काम कर रहे हैं. इस तरह की खबरें फैला कर वो सिर्फ अपना मतलब साधते हैं.
वहीं, पुलिस महकमे ने भी इस बात की तस्दीक की. हरियाणा पुलिस के पब्लिक रिलेशन्स ऑफिसर हरीश भारद्वाज ने दिप्रिंट को बताया, पुलिस के पास से ऐसा कोई आदेश या नोटिस जारी नहीं हुआ है. ये एक झूठी खबर है.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही हरियाणा के गुरुग्राम में एक मुस्लिम युवक से कथित तौर पर मारपीट और जबर्दस्ती जय श्रीराम बुलवाने का मामला आया था. युवक का आरोप था कि उसकी टोपी उतारी गई और उसे पाकिस्तान जाओ जैसी धमकियां दी गईं. हालांकि पुलिस ने अपनी जांच में टोपी उतारने वाली बात झूठी पाई है. साथ ही उसका कहना है कि अभी वो मामले की जांच कर रहे हैं, मामला सांप्रदायिक था या नहीं. यह कहना जल्दबाजी होगी.
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वहीं, पीड़ित परिवार का कहना है पुलिस जान बूझकर मामले को हल्का कर इसे मामूली लड़ाई दिखाना चाहती है.
गुरुग्राम के इस मामले के बाद से ही हरियाणा में इस तरह की खबरें चलाई जा रही हैं. एक न्यूज पोर्टल के मुताबिक, हरियाणा में हिंदुत्ववाद काफी जड़ें जमा चुका है. यहां के मुसलमान इस माहौल में खुद को सुरक्षित नहीं पाते हैं.
गुरुग्राम में ही होली के दिन कुछ युवकों द्वारा एक मुस्लिम के घर जाकर लठों से पीटने का वीडियो वायरल हुआ था. मामला उछला लेकिन बाद में दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया.