चंडीगढ़, 27 मार्च (भाषा) हरियाणा में इस वर्ष ईद-उल-फितर पर 31 मार्च को राजपत्रित अवकाश के बजाय ऐच्छिक अवकाश की व्यवस्था प्रभावी रहेगी। एक सरकारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई।
कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इस कदम पर सवाल उठाया है।
यहां बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह संशोधन इसलिए किया गया है क्योंकि 29 और 30 मार्च सप्ताहांत हैं और 31 मार्च वित्त वर्ष (2024-25) का आखिरी दिन है।
राज्य में बृहस्पतिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘हरियाणा सरकार ने 31 मार्च को ईद-उल-फितर के अवसर पर राजपत्रित अवकाश के स्थान पर अनुसूची-द्वितीय के अंतर्गत ऐच्छिक अवकाश घोषित किया है।’’
राजपत्रित छुट्टियां सरकार द्वारा अनिवार्य होती हैं, जबकि ऐच्छिक अवकाश वैकल्पिक होता है और कर्मचारी चाहें तो इसका लाभ उठा सकता हैं।
सरकार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए अहमद ने हरियाणा विधानसभा के जारी बजट सत्र के दौरान यह मुद्दा उठाया और कहा कि एक अधिसूचना जारी कर दी गई है और अब ईद-उल-फितर राजपत्रित अवकाश के बजाय ऐच्छिक अवकाश होगा।
नूंह से विधायक ने कहा कि यह त्योहार पूरे देश में मनाया जाएगा लेकिन हरियाणा सरकार ने इस अवसर पर ऐच्छिक अवकाश घोषित किया है।
कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा ने पूछा, ‘‘क्या 31 मार्च सिर्फ हरियाणा के लिए है?’’
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सदन को बताया कि यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि 31 मार्च वित्त वर्ष का अंतिम दिन है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसे मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए।’’
बाद में विधानसभा में दिन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में जब सैनी से ईद-उल-फितर को ऐच्छिक अवकाश घोषित किए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इस मामले को सदन में पहले ही उठा चुके हैं और इस बात पर जोर दिया कि इसे मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चूंकि 31 मार्च वित्त वर्ष का अंतिम दिन है, इसलिए विभागों के लिए विभिन्न वित्तीय लेन-देन निपटाना आवश्यक है।
सैनी ने कहा कि ईद पर किसी के भी ऐच्छिक अवकाश लेने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
राज्य के लोगों को ईद-उल-फितर की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि त्योहार सभी के लिए पवित्र हैं और लोगों को इन्हें मिलजुल कर मनाना चाहिए।
भाषा देवेंद्र शोभना
शोभना
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