अंबाला: जहां पूरे भारत में कोविड-19 संक्रमण की एक नई लहर देखी जा रही है, वहीं हरियाणा में भी कोविड के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है. राज्य में महामारी की शुरुआत से अब तक कुल मिलाकर 3,24,544 मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन इनमें से 24,027 मामले वर्तमान में सक्रिय हैं. हरियाणा में एक दिन में सबसे ज्यादा मामले 3,845 मंगलवार को देखने को मिले.
इन परिस्थितियों में, राज्य ने कोरोनावायरस के प्रसार को धीमा करने के लिए रात में लॉकडाउन लागू किया है. इस लॉकडाउन के समय में संशोधन किया गया है, और अब इसे पहले के रात 9 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक लगाने के बजाय रात में 10 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक के लिए लागू किया जाएगा.
दिप्रिंट ने हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से बात करते हुए जानने की कोशिश की कि राज्य अचानक कोविड के मामलों में आई बढ़त से कैसे निपटने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से वायरस की अधिक संक्रामक लहर है, लेकिन राज्य इससे निपटने के लिए तैयार है.
विज ने कहा, ‘यह सच है कि यह लहर काफी संक्रामक है क्योंकि परिवार के एक भी सदस्य के संक्रमित होने के बाद परिवार के सभी सदस्यों को कोरोना पॉज़िटिव पाया जा रहा है. यही कारण है कि संख्या बढ़ रही है. (लेकिन) हमने दूसरी लहर के लिए खुद को अच्छी तरह से तैयार किया है. विज ने कहा कि पहले लहर के दौरान जितने भी इंतजाम किए गए थे, वे सभी अब कर दिए गए हैं.
उन्होंने बताया, ‘राज्य में हमारे पास 45 हजार क्वारेंटाइन बेड्स, 15 हज़ार आइसोलेशन बेड्स और एक हज़ार वेंटिलेटर बेड्स हैं.’ आगे उन्होंने कहा कि राज्य में मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त संख्या में रेमडिसिविर इंजेक्शन हैं और इसकी कमी से बचने के लिए और भी ज्यादा खरीदे जा रहे हैं.
विज ने हरियाणा में टीकों की कमी की संभावना से भी इनकार किया. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कि केंद्र महाराष्ट्र को कम टीके सप्लाई कर रहा है और हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व गुजरात को ज्यादा वैक्सीन दे रहा है, विज ने कहा कि कुछ लोग सिर्फ राजनीतिक बात कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘किसी भी राज्य की तुलना में महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा वैक्सीन दिए गए हैं. लेकिन लोग राजनीतिक तरीके से बात करते हैं, और मैं सिर्फ वास्तविकता बता रहा हूं.’
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टीकाकरण सुचारू रूप से चल रहा है
विज ने यह भी कहा कि हरियाणा में टीकाकरण अभियान सुचारू रूप से चल रहा है, और जल्द ही और भी ज्यादा लक्ष्य पूरे कर लिए जाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘हम 28 लाख लोगों को वैक्सीन दे चुके हैं और अप्रैल के अंत तक और भी 35 लाख लोगों को दिया जाएगा. हरियाणा में 45 से अधिक उम्र के 60 लाख लोग हैं. हमारा लक्ष्य है कि मई तक इस आयु वर्ग के हर व्यक्ति को वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी. मंत्री महोदय ने कहा कि जहां शुरुआती दिक्कतें थीं, वहीं उन्हें जल्द ही दूर कर लिया गया.
आगे उन्होंने कहा, ‘हमने एक हल निकाला और अपने वैक्सीनेशन प्रोग्राम में आम जनता को शामिल किया. उन्होंने विस्तार से कहा कि हमनें सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक संगठनों से संपर्क किया और उनसे उनके संबंधित एरिया में कैंप आयोजित करने को कहा.’
विज ने कहा कि बढ़ते कोविड-19 मामलों की वजह से हरियाणा में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे के ढह जाने का कोई सवाल ही नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘इस प्रणाली को अच्छी तरह से बनाए रखा गया है और मैंने सभी जिला आयुक्तों को यह भी निर्देश दिया है कि यदि जरूरत पड़े तो वे महामारी अधिनियम के तहत निजी अस्पताल के बिस्तरों का अधिग्रहण कर सकते हैं. हरियाणा में 70 फीसदी मरीज होम आइसोलेशन में हैं. मैंने हर जिले में टीमों का भी गठन किया है जो हर दूसरे दिन आइसोलेटेड होम में हर मरीज की जांच करेंगे और दवाएं देंगे, उनका परीक्षण करेंगे और उन्हें जानकारी उपलब्ध कराएंगे. इसलिए हमारी स्थिति नियंत्रण में है.’
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हरियाणा में लॉकडाउन नहीं
विज ने कहा कि हरियाणा में लॉकडाउन लगाए जाने की कोई संभावना नहीं है, लेकिन राज्य सख्त प्रोटोकॉल और नियमों के जरिए कोविड स्थिति को नियंत्रित करेगा. ‘हम चाहते हैं कि लोग नियमों का कड़ाई से पालन करें. उन्होंने जोर देकर कहा, मैंने गृह, स्वास्थ्य और स्थानीय निकाय विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि लोग दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें.’
उन्होंने कहा, ‘हम चाहते है कि जीवन चलते रहना चाहिए और इसे बचाया भी जाना चाहिए. हमने रात का कर्फ्यू लागू कर दिया है ताकि व्यापार प्रभावित न हो. हमने रात में कर्फ्यू लगा दिया है क्योंकि इससे कारोबार प्रभावित नहीं होता. किसी को भी माइग्रेट करने की जरूरत नहीं है; उन्होंने कहा, कारखाने दिनों के दौरान काम कर सकते हैं और प्रवासी मजदूर शहरों में काम जारी रख सकते हैं.’
हालांकि, विज ने ये भी कहा कि पिछले साल पारित तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन संक्रमण फैलने की संभावना के लिहाज से उनके लिए चिंता का कारण बन गया है.
विज ने आगे कहा, ‘अगर इतनी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होंगे तो कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना काफी मुश्किल हो जाएगा. इसीलिए मैंने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर बातचीत का दौर जारी रखने को कहा है, ताकि किसान घर-घर जा सकें और उनके मुद्दों का समाधान हो सके. क्योंकि लोकतंत्र में मुद्दों को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाता है. इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है.’
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