चंडीगढ़ : झज्जर के डावला गांव में रविवार को हुई सर्व खाप महापंचायत-कई खाप पंचायतों की सभा-ने संकल्प लिया कि एक महिला कोच के यौन उत्पीड़न के आरोपी हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह को राज्य में कहीं भी राष्ट्रीय झंडे को फहराने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
सोमवार को दिप्रिंट से बात करते हुए, धनखड़ खाप के अध्यक्ष युद्धवीर धनखड़ ने कहा कि महापंचायत ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि 23 जनवरी तक मंत्री को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए या विरोध का सामना करें.
प्राथमिकी के बाद, संदीप सिंह ने अपना खेल विभाग छोड़ दिया है, लेकिन प्रिंटिंग और स्टेशनरी मंत्री बने हुए हैं और उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा नहीं दिया है.
रविवार को हुई महापंचायत की पहल धनखड़ खाप ने की थी.
युद्धवीर धनखड़ ने कहा, ‘संदीप सिंह जहां भी जाएंगे, हम उनका विरोध करने वहां पहुंचेंगे. और अगर उन्हें राज्य में कहीं भी राष्ट्रीय ध्वज फहराने का काम सौंपा जाता है, तो हम उन्हें ऐसा करने नहीं देंगे.’
उन्होंने कहा, ‘हरियाणा और पड़ोसी राज्यों के 30 खापों के प्रतिनिधियों ने महापंचायत में हिस्सा लिया और मामले को लेकर राज्य सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई. महापंचायत का मानना था कि राज्य सरकार आरोपी मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है.’
शिकायतकर्ता जूनियर कोच धनखड़ खाप वाले 12 गांवों में से एक से है और उसके पिता और परिवार के सदस्य भी रविवार की सर्व खाप महापंचायत में शामिल हुए थे.
महापंचायत के फैसले से राज्य सरकार मुश्किल में पड़ सकती है क्योंकि हर साल हर मंत्री को स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने और गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने के लिए एक जिला सौंपा जाता है.
युधवीर धनखड़ ने कहा, ‘महापंचायत ने संदीप सिंह को राज्य मंत्रिमंडल से हटाने में हस्तक्षेप करने के लिए उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिलने का फैसला किया है.’ उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस मामले की तहकीकात एक सप्ताह के भीतर जल्दी पूरा करने की अपील की है.’
धनखड़ ने कहा, ‘महापंचायत से पहले हमारी धनखड़ खाप ने (मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर) खट्टर सरकार को संदीप सिंह को 7 तक हटाने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया, हमें महापंचायत बुलाने के लिए मजबूर किया है. अगर सरकार अब भी आरोपी मंत्री को 23 जनवरी तक बर्खास्त नहीं करती, तो हमें अपने विरोध को और तेज करेंगे.’
सिंह, इस बीच आरोपों को ‘आधारहीन’ बताकर खारिज कर चुके हैं, यह दावा करते हुए कि यह सब उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए किया गया.
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आपराधिक मामला दर्ज
हरियाणा के मंत्री के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर में, जिसमें जूनियर कोच ने उन पर ‘उसे चूमने’ ‘उसकी टी-शर्ट को खींचने’ की कोशिश का आरोप लगाया है, उहोंने दावा किया है कि इससे उनका कपड़ा फट गया, और ‘उनका रेप’ करने का प्रयास किया.
कोच ने यह भी आरोप लगाया था कि सिंह घटना के बाद भी उसे धमकाता रहा और जब उसने उसकी बात नहीं मानी तो उसका तबादला पंचकूला से झज्जर कर दिया गया.
अपनी शिकायत में, पीड़िता ने कहा है कि 1 जुलाई, 2022 को संदीप सिंह ने उन्हें ‘जॉब डाक्युमेंट के वेरिफिकेशन के लिए’ इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप स्नैपचैट पर कॉल किया और सेक्टर 7, चंडीगढ़ स्थित अपने घर आने को कहा.
‘मैंने कैब ली और उनके ऑफिस में मिली. इसके बाद उसी से सटे हुए केबिन में बुलाया और मेरे बगल में सोफे पर बैठ गए. वह अपना हाथ मेरे जांघ पर रखे रहे और कहा, ‘मैं आपको पंसद करता हूं, इस तरह दौड़ना-भागना बंद करो. मैं आपको प्रायोजित (स्पॉन्सर) करूंगा और आपके इंस्टाग्राम अकाउंट को सत्यापित करूंगा. आप मुझे खुश रखें और मैं भी ऐसा ही करूंगा.’
उन्होंने कहा, ‘वह (संदीप) ने मुझे चूमने की कोशिश की. मैंने उनका विरोध किया और उन्हें एक तरफ धकेलने की कोशिश की, लेकिन (वह) मेरे साथ जबर्दस्ती किए और मेरी टी-शर्ट फाड़ दी. मैंने भागने की कोशिश की. दरवाजे पर ताला नहीं लगा था, मैं भागने में सफल रही और रेप की कोशिश से खुद को बचाया.’
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि इसे वह इस घटना को पुलिस के उच्च अधिकारियों की जानकारी में लाई और अपने विभाग के, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. ‘बल्कि मुझे सलाह दी गई कि यह मामला चंडीगढ़ का है और आपके पास जब तक सबूत न हो तब तक मंत्री के खिलाफ किसी कार्रवाई की उम्मीद नहीं कर सकतीं. मुझे सलाह दी गई कि इसे भूल जाऊं और अपने काम पर फोकस करूं.’
उन्होंने दावा किया कि वह चुप रहीं लेकिन सिंह लगातार उन्हें इंस्टाग्राम पर मैसेज भेजते रहे, मानसिक तौर पर प्रताड़ित करते रहे, और उसके करिअर को खतरे में डालने की कोशिश करते रहे.
चंडीगढ़ पुलिस ने सिंह के खिलाफ पीछा करने, अवैध रूप से बंधक बनाने, यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी देने का मामला दर्ज किया है. प्राथमिकी धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354-ए (यौन उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न के लिए सजा), 354-बी (महिला पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल कर कपड़ा उतारने की कोशिश) धारा 342 (गलत तरीके से बंधक बनाने) और 506 (आपराधिक धमकी) को लेकर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
चंडीगढ़ पुलिस पहले भी एक से अधिक मौकों पर महिला एथलीट से पूछताछ कर चुकी है और मंत्री से उनके आधिकारिक आवास पर भी पूछताछ की है. संदीप सिंह ने कहा, उनके खिलाफ जिस दिन एफआईआर दर्ज की गई, तभी उन्होंने खेल विभाग का प्रभार छोड़ दिया और इसका प्रभार सीएम खट्टर को सौंप दिया है.
हालांकि, खट्टर के सार्वजनिक बयान जिसमें महिल एथलीट के आरोपों को ‘बेतुका’ करार दिया है और आरोपों कोई शख्स दोषी नहीं हो जाता.
उन्होंने कहा, ‘एक महिला खिलाड़ी ने खेल मंत्री (संदीप सिंह) के खिलाफ बेतुके आरोप लगाए हैं, लेकिन वह अभी तक दोषी नहीं हुए हैं. इस बीच हमने उन्हें पद से हटा दिया है, ताकि जांच सुचारू रूप से हो सके. हम जांच खत्म होने तक का इंतजार करेंगे.’
संदीप सिंह भारतीय राष्ट्रीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान रहे हैं और 2018 की एक हिंदी फिल्म सूरमा उनके जीवन और संघर्षों से प्रेरित होकर बनी है.
(अनुवाद और संपादन : इन्द्रजीत)
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