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गुरूवार, 19 जून, 2025
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हरियाणा सरकार ने 8,600 सरकारी नौकरियों का विज्ञापन लिया वापस, उम्मीदवारों के लिए क्या हैं मायने

राज्य सरकार का कहना है कि नौकरियों के लिए फिर से विज्ञापन दिया जाएगा और इस साल की शुरुआत में तैयार किए गए नए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) दिशानिर्देशों के तहत उन्हें भरा जाएगा.

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गुरुग्राम: हरियाणा सरकार ने 8,600 से अधिक सरकारी नौकरियों के लिए विज्ञापन वापस लेने की अनुमति दे दी है. सरकार ने कहा है कि इन नौकरियों के लिए फिर से विज्ञापन दिया जाएगा और इस साल की शुरुआत में तैयार किए गए नए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) दिशानिर्देशों के तहत इन्हें भरा जाएगा. इससे हज़ारों जॉब एस्पिरेंट्स के बीच अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है.

जबकि ये सभी नौकरियां 2024 के अलग-अलग महीनों में विज्ञापित की गई थीं, नायब सैनी सरकार ने पिछले साल 16 अगस्त को भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा हरियाणा विधानसभा चुनावों की घोषणा से कुछ घंटे पहले 5,600 कांस्टेबल पदों के लिए विज्ञापन दिया था, जिसके बाद कांग्रेस ने ईसीआई में शिकायत दर्ज कराई थी.

कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर चुनाव के दौरान नौकरियों की पेशकश करके आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. इस पर कार्रवाई करते हुए, ईसीआई ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) को कांस्टेबल पदों के लिए परिणाम घोषित करने से रोकने के लिए कहा था.

कांस्टेबल नौकरियों के अलावा, हरियाणा सरकार ने 2024 में HSSC द्वारा जारी 3,053 ग्रुप सी नौकरी के लिए खाली पड़े पदों के लिए विज्ञापन वापस लेने का भी फैसला किया है. हरियाणा में, ग्रुप सी की नौकरियां सरकारी पदों की एक महत्वपूर्ण श्रेणी को संदर्भित करती हैं, जिसमें आम तौर पर कई राज्य सरकार के विभागों, बोर्डों, निगमों और अन्य सरकारी नियंत्रित एजेंसियों में लिपिक, तकनीकी और विभिन्न सहायक भूमिकाएं शामिल होती हैं.

हरियाणा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि वापस लिए गए पदों को अब नए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के परिणामों के आधार पर भरा जाएगा, जिसकी तारीखों की घोषणा जल्द ही होने की उम्मीद है.

एचएसएससी के सदस्य भूपिंदर चौहान ने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा कि आयोग को अभी तक सरकार से आधिकारिक सूचना नहीं मिली है, लेकिन उन्हें इस अचानक लिए गए फैसले के बारे में पता चला है.

चौहान ने समझाया, “आयोग में हमें पता चला है कि सरकार को व्यक्तियों और जॉब एस्पिरेंट्स से कई अभ्यावेदन मिल रहे हैं. चूंकि, पिछली सीईटी 2022 में आयोजित की गई थी, इसलिए कई उम्मीदवार जो पिछली सीईटी के समय 18 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर पाए थे, लेकिन अब पात्र हैं, उन्होंने बाहर रह जाने और निकट भविष्य में मौका न मिलने की चिंता जताई है. वह चाहते थे कि नई सीईटी आयोजित करने के बाद भर्तियां की जाएं ताकि वह भी नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकें.”

उन्होंने कहा, “मेरी जानकारी के अनुसार, सरकार ने इन अभ्यावेदनों के आधार पर फैसला लिया है. अब भर्तियां हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (ग्रुप सी और डी पदों की भर्ती प्रक्रिया) नियम, 2025 के आधार पर होंगी. इन नियमों के तहत, कुल नौकरियों की संख्या के 10 गुना उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा, जबकि पहले के नियमों के तहत चार गुना उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाता था.”

एचएसएससी के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने दिप्रिंट को बताया कि पदों की भर्ती और विज्ञापन वापस लेने का फैसला सरकार को लेना है. इसलिए एचएसएससी के चेयरमैन होने के नाते वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते.

अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट में उन्होंने उम्मीदवारों को संबोधित करते हुए कहा, “डियर एस्पिरेंट्स हम जल्द ही सीईटी 2025 (ग्रुप सी) की परीक्षा तिथि की घोषणा करेंगे. इसलिए सभी उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वह अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दें और किसी भी तरह की अफवाहों से दूर रहें. आयोग सभी आगामी परीक्षार्थियों को अपनी शुभकामनाएं देता है.”

HSSC के नियमों के अनुसार, CET पास करने वाले व्यक्ति को परिणाम घोषित होने की तारीख से 3 साल के लिए सरकारी नौकरियों के लिए विचार किया जाता है. अगले प्रयास में बेहतर स्कोर इस 3 साल की वैधता अवधि को फिर से शुरू करता है. ग्रुप सी पदों के लिए अंतिम CET नवंबर 2022 में आयोजित किया गया था.

विज्ञापन वापस लेने के सरकार के फैसले की विपक्ष, खासकर कांग्रेस ने तीखी आलोचना की है.

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि उसने ग्रुप सी की हज़ारों नौकरियों की रिक्तियों को वापस लेकर राज्य के युवाओं के साथ विश्वासघात किया है.

एक्स पर पोस्ट किए गए एक तीखे बयान और वीडियो में, सुरजेवाला ने कहा: “भाजपा ने हरियाणा के युवाओं के साथ धोखे, धोखाधड़ी और विश्वासघात की एक फिल्म बनाई है. इस फिल्म के लेखक और अभिनेता नायब सैनी हैं, निर्देशक मनोहर लाल खट्टर हैं और निर्माता नरेंद्र मोदी हैं. फिल्म का शीर्षक ‘लोगों को मूर्ख बनाओ, उन्हें मूर्ख बनाना जारी रखो’ है.”

उन्होंने कहा, “14 अगस्त, 2024 को विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक तीन घंटे पहले, नायब सैनी ने युवाओं के सामने 8,653 नौकरियों का वादा किया था, बड़े-बड़े सपने दिखाए थे और यहां तक ​​कि इन नौकरियों के भरे जाने तक सीएम पद की शपथ न लेने की कसम भी खाई थी, लेकिन यह सब खोखले वादे थे. अब सैनी चुटकुले सुनाते हुए, हेलीकॉप्टर की सवारी का आनंद लेते हुए इधर-उधर घूम रहे हैं, जबकि हमारे युवा बेमतलब भटक रहे हैं, एक ऐसे भविष्य के लिए दरवाजे खटखटा रहे हैं जो उनसे छीन लिया गया है.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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