गुरुग्राम: हरियाणा के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) जितेंद्र राणा ने सोमवार को तब सार्वजनिक रूप से माफी मांगी, जब एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कथित तौर पर उन्हें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता मनीष सिंगला को रविवार को सिरसा में नशा-मुक्त हरियाणा साइक्लोथॉन 2.0 में वीवीआईपी कैंपस में प्रवेश करने से रोकते हुए दिखाया गया, जहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि थे.
मनीष सिंगला सिरसा के प्रमुख भाजपा नेता और ओडिशा के पूर्व राज्यपाल गणेशी लाल के बेटे हैं.
शहीद भगत सिंह स्टेडियम में वीआईपी मंच के पास हुई इस घटना से व्यापक आक्रोश फैल गया, जिसके बाद सिरसा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. मयंक गुप्ता की मध्यस्थता में मामले को तुरंत सुलझा लिया गया.

सिरसा जिला पुलिस ने पीआरओ के आधिकारिक ईमेल के ज़रिए मीडिया को डीएसपी राणा द्वारा मनीष सिंगला से माफी मांगने का वीडियो मिला.
सिरसा पुलिस के ईमेल में वीडियो के साथ दिए गए मैसेज में कहा गया, “रविवार को साइक्लोथोन के दौरान सोशल मीडिया पर वायरल हुई घटना के लिए जींद के डीएसपी जितेंद्र राणा ने मनीष सिंगला से माफी मांगी है. कार्यक्रम के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मंच के पास ड्यूटी पर तैनात डीएसपी जितेंद्र राणा ने कहा कि मनीष सिंगला कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे और साइकिल ट्रैक के पास खड़े थे. राणा ने बताया कि वह सिंगला को पहचान नहीं पाए और अन्य लोगों के साथ मिलकर उन्हें वीवीआईपी मंच क्षेत्र से बाहर जाने को कहा. डीएसपी ने स्पष्ट किया कि अपनी ड्यूटी निभाते समय किसी की गरिमा को ठेस पहुंचाने का उनका कोई इरादा नहीं था.”
संदेश में आगे लिखा है कि डीएसपी ने कहा है: “अगर मेरे कार्यों से मनीष सिंगला की भावनाओं को किसी भी तरह से ठेस पहुंची है, तो मैं उनसे ईमानदारी से माफी मांगता हूं…मनीष जी और उनके परिवार के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है.”
राणा जींद जिले में तैनात हैं और सीएम के कार्यक्रम के लिए ड्यूटी सौंपे जाने के बाद रविवार को सिरसा आए थे.
यह विवाद हाई-प्रोफाइल साइक्लोथॉन के दौरान सामने आया, जो नशा मुक्त हरियाणा को बढ़ावा देने के लिए राज्य की पहल है, जिसे सीएम सैनी ने हरी झंडी दिखाई.
अभियान का समर्थन करने के लिए मौजूद सिंगला मुख्य मंच पर जाने की कोशिश कर रहे थे, तभी डीएसपी राणा उनके पास पहुंचे.
सिंगला की पहचान की पुष्टि किए बिना, अधिकारी ने कथित तौर पर उन्हें और एक अन्य व्यक्ति को क्षेत्र छोड़ने के लिए कहा.
जब सिंगला ने अपनी पहचान बताने की कोशिश की, तो राणा ने कथित तौर पर इसे अनदेखा कर दिया, बैरिकेड की रस्सी उठाई और सिंगला को वहां से ले गए.
स्थिति तब और बिगड़ गई जब डीएसपी ने सिंगला का हाथ पकड़कर उन्हें दूसरे गेट की ओर जाने को कहा, यह सब वीडियो में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ.
वायरल वीडियो की सभी राजनीतिक हस्तियों ने तीखी आलोचना की.
भाजपा जिला अध्यक्ष यतिंदर सिंह ने मीडिया को बताया कि मनीष सिंगला ने सीएम सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली के साथ कार्यक्रम के बाद की बैठक के दौरान इस मुद्दे को नहीं उठाया, उन्होंने सुझाव दिया कि वीडियो सामने आने के बाद ही इस मुद्दे को तूल मिला.
जबकि कुछ अन्य भाजपा नेताओं ने वीडियो के वायरल होने के बाद डीएसपी के व्यवहार की निंदा की, वहीं सिंगला ने रविवार को खुद इस घटना को कमतर आंकने की कोशिश की.
मीडिया द्वारा पूछे जाने पर सिंगला ने स्पष्ट किया कि वायरल वीडियो को “भ्रामक नैरेटिव” के साथ शेयर किया गया. पुलिस अधीक्षक मयंक गुप्ता ने सोमवार को डीएसपी राणा और सिंगला दोनों को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में तलब किया.
सिंगला ने माफी स्वीकार करते हुए कहा, “मेरा परिवार और मैं हरियाणा पुलिस का बहुत सम्मान करते हैं. मैं पहले कभी डीएसपी राणा से नहीं मिला था, लेकिन मैं उनके स्पष्टीकरण से संतुष्ट हूं और उनके प्रति कोई दुर्भावना नहीं रखता.”
बाद में, एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा: “कल की इस घटना के बाद मुझे एक बात का एहसास हुआ, कि सिरसा के लोग मुझसे बेहद प्यार करते हैं.”
इस बीच, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर माफी की निंदा करते हुए लिखा, “क्या भाजपा एक कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी से कैमरे के सामने माफी की मांग करके पुलिस का मनोबल नहीं तोड़ रही है?”
दिप्रिंट से बात करते हुए, सिरसा के एसपी मयंक गुप्ता ने कहा कि डीएसपी ने स्थिति को शांत करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी है.
गुप्ता ने कहा, “डीएसपी केवल सीएम के समारोह के दौरान अपनी ड्यूटी निभा रहे थे. ऐसा नहीं है कि उनके कर्तव्य पालन में कुछ भी गलत था, लेकिन चूंकि सिंगला एक प्रमुख व्यक्ति हैं और उन्हें अधिकारी के व्यवहार से बुरा लगा, इसलिए डीएसपी बिना शर्त माफी मांगने आगे आए.”
5 अप्रैल को हिसार में शुरू हुआ साइक्लोथॉन सिरसा में 48,000 से अधिक साइकिल चालकों के साथ संपन्न हुआ, जिसका उद्देश्य नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ समुदायों को एकजुट करना था.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)
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