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बुधवार, 23 अप्रैल, 2025
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हरियाणा में लिंग निर्धारण पर रोक लगाने के लिए प्रत्येक जिले में पुलिस प्रकोष्ठ बनाने पर विचार

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चंडीगढ़, 16 अप्रैल (भाषा) हरियाणा स्वास्थ्य विभाग प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीएनडीटी) अधिनियम के उल्लंघन पर अंकुश लगाने के लिए राज्य पुलिस को प्रत्येक जिले में डीएसपी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में एक समर्पित पुलिस प्रकोष्ठ स्थापित किये जाने के लिए पत्र लिखेगा।

गर्भधारण-पूर्व एवं प्रसव-पूर्व निदान तकनीक (पीएनडीटी) अधिनियम के क्रियान्वयन को सुदृढ़ करने तथा लिंगानुपात में कमी को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठाते हुए स्वास्थ्य विभाग जल्द ही पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखकर प्रत्येक जिले में डीएसपी रैंक के अधिकारियों के नेतृत्व में समर्पित पुलिस प्रकोष्ठ बनाने की मांग करेगा।

यह निर्णय मंगलवार को कन्या भ्रूण हत्या में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गठित राज्य कार्यबल (एसटीएफ) की बैठक में लिया गया।

अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग वर्तमान में छापेमारी के समय जिला पुलिस की सहायता पर निर्भर रहता है तथा इस उद्देश्य के लिए एक समर्पित टीम होने से मदद मिलेगी।

स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिए हैं कि सभी गैर-पंजीकृत आईवीएफ (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन) केंद्रों को बंद कर दिया जाना चाहिए और जिन केंद्रों में लिंगानुपात में गड़बड़ी पाई जाती है, उनकी गहन जांच की जानी चाहिए।

अधिकारियों ने बताया कि लगातार कम प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए पिछले पांच वर्षों के दौरान ग्राम स्तर पर लिंगानुपात के आंकड़े संकलित किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि यह कदम राज्य में कन्या भ्रूण हत्या पर अंकुश लगाने के सरकार के प्रयासों के तहत उठाया जायेगा।

हरियाणा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक वीरेंद्र यादव, जो एसटीएफ के संयोजक भी हैं, ने हाल में कहा था, ‘‘हम राज्य में पीसीपीएनडीटी अधिनियम को सख्ती से लागू कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप 300 एमटीपी केंद्रों के पंजीकरण रद्द कर दिए गए हैं या स्वेच्छा से वापस ले लिए गए हैं।’’

पिछले सप्ताह यादव ने कहा था कि हिसार जिले में पीएनडीटी नोडल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है तथा रेवाड़ी, भिवानी, जींद, करनाल, नूंह, फरीदाबाद, फतेहाबाद, महेंद्रगढ़, हिसार, करनाल और कुरुक्षेत्र में कम लिंगानुपात को लेकर 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

यादव ने कहा था कि यदि एसएमओ का जवाब असंतोषजनक पाया गया तो उन्हें आरोप-पत्र दिया जाएगा।

राज्य में सबसे कम लिंगानुपात वाले पांच जिलों चरखी दादरी, रेवाड़ी, रोहतक, गुरुग्राम और फरीदाबाद के पीएनडीटी नोडल अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बदल दिया गया है।

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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