गुरुग्राम: इस साल हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) में पदों के लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की भर्ती परीक्षा के इंटरव्यू तक केवल 61 उम्मीदवार ही पहुंच पाए हैं. इसके बाद अभ्यर्थियों ने मूल्यांकन प्रक्रिया पर सवाल करना शुरू कर दिया है और इससे उम्मीदवारों को बड़ा झटका लगा है.
हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) और अन्य संबद्ध सेवाओं के 100 पदों के लिए 90,000 से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. इनमें से लगभग 45,000 इस साल 21 मई को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे. 45,000 उम्मीदवारों में से 1,190 अभ्यर्थी 12-13 अगस्त को आयोजित मुख्य परीक्षा में शामिल हुए थे.
मुख्य परीक्षा का परिणाम सोमवार को HPSC की वेबसाइट पर घोषित किए गए, जिसमें 61 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए चुना गया. उनका इंटरव्यू 9 अक्टूबर से शुरू होगा.
HPSC वेबसाइट बताती है कि अंतिम परिणाम पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित परीक्षा रद्द करने से संबंधित मामले के नतीजे के अधीन हैं.
मंगलवार को दिप्रिंट से बात करते हुए, श्वेता ढुल, जो खुद को एक रिक्रूटमेंट एक्टिविस्ट कहती हैं, ने आरोप लगाया कि हरियाणा के उम्मीदवार “त्रुटिपूर्ण चयन प्रक्रिया” और “त्रुटिपूर्ण प्रश्नपत्र तैयार करने” के कारण बड़ी संख्या में HPCH परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए.
उन्होंने पूछा, “यह कैसे संभव है कि हरियाणा के उम्मीदवार संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर लेते हैं और अक्सर शीर्ष रैंक में होते हैं, लेकिन HPSC परीक्षा पास नहीं कर पाते हैं?”
हालांकि, HPSC के सचिव मुकेश आहूजा ने कहा कि परिणाम नियमों के अनुसार घोषित किए गए हैं.
मंगलवार को दिप्रिंट द्वारा संपर्क किए जाने पर उन्होंने कहा, “नियमों के अनुसार उम्मीदवारों को हिंदी और अंग्रेजी विषयों में कम से कम 33 प्रतिशत अंक और कुल मिलाकर 45 प्रतिशत अंक प्राप्त करने की आवश्यकता होती है. कई उम्मीदवार हिंदी और अंग्रेजी में 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने में विफल रहे और कई अन्य जिन्होंने इन विषयों में 33 प्रतिशत अंक प्राप्त कर लिया, उन्हें कुल 45 प्रतिशत अंक नहीं मिल सका,.”
आहूजा ने कहा कि नियमों के अनुसार, मुख्य परीक्षा के लिए चुने गए उम्मीदवारों की संख्या भरे जाने वाले पदों की संख्या से 12 गुना होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि HPSC ने मुख्य परीक्षा के लिए 1,335 उम्मीदवारों को चुना था, जिनमें से 1,190 ने परीक्षा दी.
हालांकि, रिजल्ट ने कई उम्मीदवारों और उनके अभिभावकों को चौंका दिया है.
हरियाणा के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से एमटेक पाठ्यक्रम पूरा कर चुके एक अभ्यर्थी ने मंगलवार को दिप्रिंट को बताया, “मेरे विचार से, मैंने मुख्य परीक्षा में अच्छा लिखा था. मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि HPSC ने उम्मीदवारों का मूल्यांकन कैसे किया है.”
उम्मीदवार की मां ने आरोप लगाया कि प्रारंभिक परीक्षा में, “सिविल सेवा योग्यता परीक्षा अनुभाग में पिछले वर्ष के 38 प्रश्न दोहराए गए थे”.
उन्होंने कहा, “परीक्षा रद्द करने की मांग वाली एक रिट याचिका पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है.”
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‘आत्मसम्मान को ठेस’
HCH (कार्यकारी शाखा) पद हरियाणा में सबसे अधिक मांग वाली क्लास 1 की नौकरियां हैं और जो HCH अधिकारी बनते हैं उन्हें उपमंडल मजिस्ट्रेट, सिटी मजिस्ट्रेट, पुलिस उपाधीक्षक और सचिवालय में विशेष सचिव सहित अन्य पदों पर तैनात किया जाता है.
तीन महीने में यह दूसरी बार है कि HPSC द्वारा घोषित रिक्तियों की संख्या – 100 पदों के लिए 61 – से कम उम्मीदवारों ने भर्ती परीक्षा पास की है.
इस साल जून में, HPSC द्वारा 2022 में घोषित कृषि विकास अधिकारियों (ADO) के 600 पदों को भरने के लिए केवल 59 उम्मीदवार भर्ती परीक्षा पास कर सके. दिप्रिंट ने HPSC की वेबसाइट पर उपलब्ध ADO के परिणाम कार्ड तक पहुंच बनाई है.
ढुल ने बताया कि एक ओर, हरियाणा में सैकड़ों कृषि स्नातक नौकरियों की प्रतीक्षा कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर, ADO के 600 पदों के लिए केवल 59 को चुना गया था.
HPSC परीक्षा के बारे में बात करते हुए ढुल ने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा में 38 प्रश्न पिछले साल की परीक्षा से दोहराए गए पाए गए, लेकिन इस संबंध में उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका लंबित होने के बावजूद आयोग ने मुख्य परीक्षा आयोजित की. याचिका 15 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है.
ढुल के अनुसार, विवाद के बावजूद HPSC द्वारा परिणाम घोषित करने से न केवल योग्य उम्मीदवारों को नौकरी से वंचित होना पड़ा, बल्कि उन सभी लोगों के आत्मसम्मान को भी ठेस पहुंची, जो परीक्षा में बैठे थे.
(संपादन: ऋषभ राज)
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