चंडीगढ़, तीन नवंबर (भाषा) हरियाणा सरकार के मंत्रिमंडल ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान मारे गए राज्य के प्रत्येक व्यक्ति के परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का रास्ता सोमवार को साफ कर दिया।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दंगा पीड़ितों के परिजन को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के लिए संविदा कर्मियों की तैनाती नीति 2022 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई।
सैनी ने इस संबंध में अगस्त में राज्य विधानसभा में भी घोषणा की थी।
संशोधन के तहत नीति में एक नया प्रावधान शामिल किया गया है, जिसके तहत प्रत्येक दंगा पीड़ित के परिवार के सर्वसम्मति से चिह्नित एक सदस्य को हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) की ओर से निर्धारित उनकी शैक्षिक योग्यता और पात्रता मानदंडों के आधार पर स्तर एक, दो या तीन श्रेणियों के तहत उपयुक्त नौकरी देने पर विचार करने का प्रावधान है।
सैनी सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, अगर किसी विभाग में सभी पद भर जाते हैं, तो एचकेआरएन योग्य व्यक्ति को किसी अन्य विभाग में या अपने खुद के प्रतिष्ठान में नियुक्त करेगा।
बयान में कहा गया है, “यह सहानुभूतिपूर्ण उपाय एचकेआरएन के जरिये सहभागिता के लिए एक विधिवत ढांचा प्रदान करता है, जिसका मकसद 1984 के दंगों के दौरान अपूरणीय क्षति झेलने वाले परिवारों के लिए निष्पक्षता, पारदर्शिता और सम्मान सुनिश्चित करना है।”
बयान के अनुसार, एक अन्य फैसले में मंत्रिमंडल ने शिक्षक स्थानांतरण नीति 2025 को मंजूरी दे दी, जो मौजूदा शिक्षक स्थानांतरण नीति 2023 की जगह लेगी। इसमें कहा गया है कि नयी स्थानांतरण नीति के तहत ‘जोनिंग’ की अवधारणा को समाप्त कर दिया गया है, जिससे शिक्षकों को सीधे कोई भी स्कूल चुनने की अनुमति मिल गई है।
बयान में कहा गया है, “हालांकि, ‘शेष हरियाणा’ कैडर के शिक्षकों को उनकी पसंद के अनुसार नूंह जिले या हथीन और मोरनी ब्लॉक में तैनाती के लिए अतिरिक्त भत्ते का प्रावधान शिक्षक स्थानांतरण नीति 2023 के समान ही रहेगा। मेवात कैडर के शिक्षकों को कैडर के बाहर तैनात नहीं किया जाएगा।”
इसमें कहा गया है कि स्कूलों का आवंटन प्रत्येक शिक्षक की ओर से कुल 80 अंकों में से अर्जित अंकों के आधार पर निर्धारित किया जाएगा और उम्र मुख्य कारक होगी, जिसे अधिकतम वरीयता यानी 60 अंक दिए गए हैं।
बयान के मुताबिक, मंत्रिमंडल ने हरियाणा आबादी देह (स्वामित्व अधिकारों का निहितीकरण, अभिलेखन और समाधान) अध्यादेश 2025 जारी करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।
इसमें कहा गया है, “इस ऐतिहासिक पहल का उद्देश्य अबादी देह क्षेत्रों (गांव में आवासीय क्षेत्र) में रहने वाले लोगों को ड्रोन सर्वेक्षण और संपत्ति कार्ड के जरिये स्थापित कब्जे के रिकॉर्ड के आधार पर (संपत्ति का) मालिकाना हक प्रदान करना है।”
भाषा पारुल वैभव
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