scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होमदेशजब अंबाला कैंट के पार्क में हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने गाया 'रमैया वस्तावइया', सुर मिलाते नजर आए लोग

जब अंबाला कैंट के पार्क में हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने गाया ‘रमैया वस्तावइया’, सुर मिलाते नजर आए लोग

विज का कहना है कि उन्हें अंबाला कैंट में सुबह की सैर के दौरान मतदाताओं के साथ 'गाना गाना' और 'गपशप' करना पसंद है और वह फिर से हर पखवाड़े में दरबार आयोजित करने के बारे में 'गंभीरता से सोच' रहे हैं.

Text Size:

चंडीगढ़: अपने “ऑन-द-स्पॉट न्याय” और वरिष्ठ अधिकारियों को उनकी कार्य प्रणाली में निष्क्रियता को देखते हुए उनकी खिंचाई करने के लिए जाने जाने वाले, हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पिछले दिनों एक अलग अंदाज में नजर आए. अंबाला कैंट में एक पार्क बेंच पर बैठे, मंत्री अपने प्रशंसकों और मतदाताओं के बीच श्री 420 फिल्म से प्रसिद्ध बॉलीवुड गीत ‘रमैया वस्तावैया’ गाते हुए देखे सुने गए. इस दौरान लगभग 20 लोग उनके साथ कोरस में न केवल गा रहे थे बल्कि ताली बजाते और लय में झूमते हुए नजर आ रहे थे.

हरियाणा के सूचना और जनसंपर्क विभाग के एक जनसंपर्क अधिकारी विनोद कुमार ने दिप्रिंट को बताया, “ शनिवार की सुबह अंबाला कैंट के एक पार्क में मंत्री के साथ कोरस में गाने वाले सभी मॉर्निंग वॉकर हैं.”

यह पहली बार नहीं था जब मंत्री गा रहे हैं. इससे पहले 7 मार्च को, विज को गायक बी प्राक के साथ एक और बॉलीवुड नंबर ‘तेरी मिट्टी में मिल जावां’ गाने को गुनगुनाते हुए देखा गया, जब विज से चंडीगढ़ में उनके ऑफिस में उनसे मिलने आए थे.

लेकिन विज के मुताबिक, वह सिर्फ ‘बाथरूम सिंगर’ हैं. शनिवार को दिप्रिंट से बात करते हुए, मंत्री ने कहा, ‘मैं अक्सर अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ गाना और विभिन्न मुद्दों पर गपशप करना पसंद करता हूं, जो अंबाला कैंट में मेरी सुबह की सैर के दौरान मुझसे मिलते हैं.’

विज ने कहा, “पहले मैं सदर बाज़ार जाता था जहां अखबार बेचने वाले और फेरीवाले बैठते हैं. मैं सुबह अखबार पढ़ता था और अपने लोगों के साथ चाय का लुत्फ उठाता था. उस जगह को मेरे बैठने की वजह से ‘टी पॉइंट’ की उपाधि मिली. हालांकि, सदर बाजार में ट्रैफिक के कारण, मैंने अब अंबाला कैंट में नेताजी सुभाष चंद्र पार्क जाना शुरू कर दिया है.”

यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसा इसलिए था क्योंकि वह हर महीने के दूसरे शनिवार को उनके हर पखवारे में लगाए जाने वाले दरबार को बंद किए जाने के बाद बहुत खाली समय है. विज ने जवाब दिया कि 26 मार्च को उनकी घोषणा के बावजूद शनिवार को आने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए, वह अपने दरबार को फिर से शुरू करने पर पुनर्विचार कर रहे थे.

मंत्री ने आगे कहा, “मैं सुबह 8-10 बजे पार्क में बैठता हूं. दरबार 10 के बाद ही शुरू होता है. आज भी, मैंने कई लोगों की शिकायतें सुनीं, जो पूरे हरियाणा से आए थे और दोपहर 2.30 बजे तक उनके साथ बैठे रहे, जब तक कि मैं अंत में एक फिजियोथेरेपिस्ट के साथ अपॉइंटमेंट के लिए नहीं निकला, तब तक कुछ मुझसे मिलने के लिए इंतजार कर रहे थे.”


यह भी पढ़ें: एंटी-एजिंग प्रोडक्ट शुरू करने के लिए कौन सी उम्र है सही? क्या करें और क्या न करें


विज के दरबार की लोकप्रियता

हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को, अनिल विज ने अपने दरबार आयोजित करते थे जहां राज्य भर के लोग अपनी शिकायतें लेकर आते थे. आम तौर पर, दरबार सुबह 10 बजे शुरू होता था और आधी रात के बाद तक चलता था.

अपने दरबार के दौरान, जब भी विज अधिकारियों की ओर से कुछ कमी देखते थे तो वे उन्हें बुलाकर वहीं दरबार में फटकार लगाते थे.

कैथल के पुंडरी थाने में जब एक 27 वर्षीय महिला ने विज से संपर्क किया और उसे चाय पीते हुए 25 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो लोगों का वीडियो दिखाया, तो विज ने तुरंत एसपी को फोन किया और उनसे पूछा, “बंद कर दूं थाना मैं क्या? (क्या मुझे पुलिस स्टेशन बंद कर देना चाहिए?)”.

विज अपने दरबार के दौरान अधिकारियों को फटाफट सस्पेंड भी कर देते थे.

विज ने दिप्रिंट को बताया, “यह सब हर शनिवार को मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ मेरी साप्ताहिक बैठकों के साथ शुरू हुआ. धीरे-धीरे, आस-पास के निर्वाचन क्षेत्रों के लोग मेरे दरबार में आने लगे, और आखिरकार, इस कार्यक्रम ने बड़े आयोजनों का रूप लेना शुरू कर दिया, जहां 5,000 या अधिक लोग अपनी शिकायतों के साथ सामने आए.”

चूंकि उनके कर्मचारियों के लिए एक सप्ताह में इतनी बड़ी संख्या में शिकायतों पर कार्रवाई करना मानवीय रूप से संभव नहीं था, इसलिए विज ने इन्हें पखवाड़े यानी 15 दिन में एक बार वाले दरबार में बदल दिया. विज ने शनिवार को कहा, ‘जिस तरह से बड़ी संख्या में लोगों ने आज मुझसे संपर्क किया है, मेरी घोषणा के बावजूद मैं इन बैठकों को फिर से शुरू करने के बारे में गंभीरता से सोच रहा हूं.’

राजनीतिक पर्यवेक्षक और हरियाणा की राजनीति पर दो किताबों के लेखक पवन कुमार बंसल के अनुसार, विज के दरबार की लोकप्रियता राज्य में कई लोगों की नींद हराम कर रही थी.

बंसल ने दिप्रिंट से कहा, “2019 के विधानसभा चुनावों में हरियाणा के भाजपा के दिग्गजों, राम बिलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु और ओ.पी. धनखड़ की चुनावी हार के बाद, अनिल विज एकमात्र भाजपा नेता हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा सकता है.”

बंसल ने दावा किया, चार बार के विधायक विज ने अपना पहला चुनाव 1990 में जीता था, जबकि खट्टर एक वरिष्ठ प्रचारक होने के बावजूद 2014 में पहली बार विधायक बने थे. अगर पार्टी के भीतर खट्टर के लिए कोई चुनौती हो सकता है, तो वह केवल विज हैं.

उन्होंने कहा कि जिस तरह से विज पुलिस अधीक्षकों सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की खिंचाई कर रहे थे, सरकार में काफी प्रभाव रखने वाले कई वरिष्ठ अधिकारी भी विज के दरबार से असहज महसूस कर रहे थे.

बंसल ने कहा, हालांकि खट्टर ने इस महीने की शुरुआत में भिवानी के लोगों से मिलने के लिए अपना कार्यक्रम “जनसंवाद” भी शुरू किया है, लेकिन विज के दरबार और सीएम के दरबार में बहुत अंतर है.

2-5 अप्रैल तक, खट्टर ने भिवानी में प्रवास किया, जहां उन्होंने “जनसंवाद” आयोजित किया, लोगों के साथ बातचीत की, जहां सैकड़ों लोग उनसे मिले.

बंसल ने कहा, “सीएम के दरबार में, चाहे वह खट्टर हों या उनके पूर्ववर्तियों में से कोई भी, उनके सामने आने वाली शिकायतों को पहले अधिकारियों द्वारा फ़िल्टर किया जाता है और केवल उन्हीं को उनसे मिलने की अनुमति दी जाती है जो सीएम या अधिकारियों को असुविधा न हो. विज के दरबार में ऐसा नहीं है वहां कोई भी अपनी शिकायत लेकर आ सकता है.’

25 मार्च को, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने डीसी और एसपी सहित कई अधिकारियों से लोगों की शिकायतों को सुनने के लिए रोजाना दो घंटे देने को कहा, जिसे राजनीतिक हलकों में विज के 15 दिनों में लगाए जाने वाले दरबार में आने वाले लोगों की संख्या को कम करने के तरीके के रूप में देखा गया था. सीएम की घोषणा के तुरंत बाद, विज ने घोषणा की कि वह अपने दरबार को बंद कर रहे हैं.

(अनुवाद और संपादन: पूजा मेहरोत्रा)


यह भी पढ़ें: नुकसान हुई फसलों की जल्द हो समीक्षा, हरियाणा को क्यों चाहिए ‘क्षतिपूर्ति सहायक’


share & View comments