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Saturday, 21 December, 2024
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हरसिमरत ने कहा- गुरु नानक पैलेस ढहाने से सिख आहत, पीएम मोदी दें दखल

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार इमारत को उपद्रवियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया और इसके बाद उन्होंने इसकी कीमती खिड़कियां, दरवाजे और रोशनदान भी बेच दिए.

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चंडीगढ़: सांसद हरसिमरत कौर बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सदियों पुराने गुरु नानक पैलेस को ढहाने के मामले में दखल देने की मांग की है.

उन्होंने सोमवार रात एक ट्वीट किया, ‘पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में औकफ प्रशासन के साथ मिलकर कुछ उपद्रवियों द्वारा ऐतिहासिक गुरु नानक पैलेस को ढहाए जाने की निंदा करने वाले सिख समुदाय में मैं भी शामिल हो गई हूं.’ उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मुद्दे को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के समक्ष मजबूती से रखने का आग्रह किया है. इस घटना के बाद से सिख समुदाय बहुत दुखी है.

समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, ईंटों, बालू, मिट्टी और चूना के पत्थरों से लगभग चार सदियों पहले बना हुआ माना जा रहा गुरु नानक पैलेस लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर बथनवाला गांव में है. गुरु नानक बाबा के चार मंजिला पैलेस में भारत समेत दुनियाभर से सिख आते हैं.

इमारत के चारों तरफ बनी दीवारों पर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक के साथ-साथ कई हिंदू राजाओं और राजकुमारों के चित्र थे. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इमारत में 16 बड़े कमरे थे और सभी कमरों में कम से कम तीन सुंदर दरवाजे तथा चार रोशनदान थे. रिपोर्ट के अनुसार, इमारत को उपद्रवियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया तथा इसके बाद उन्होंने इसकी कीमती खिड़कियां, दरवाजे और रोशनदान भी बेच दिए.

इस इमारत के चारों तरफ 30 फूट चौड़ी मज़बूत दीवार थी जो सुंदर ड़िज़ाइन वाली पूरानी ईंटों से बनी थी. इन पर सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानक की तस्वीरें बनाई गई थी और साथ ही हिंदू राजा रानियों की तस्वीरें भी थी. इमारत के तीन तरफ ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां थीं.

एक स्थानिय नागरिक मोहम्मद असलम का कहना था, ‘ये पुरानी इमारत थी, इसे बाबा गुरुनानक का महल कहा जाता था. दुनिया भर से सिख धर्म मानने वाले इस इमारत को देखने आते थे. ‘ उनका ये भी दावा था कि कनाडा से एक 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल यहां आया था, इसमें एक महिला शामिल थी जिनके पास एक किताब थी जिसमें ऐतिहासिक इमारतों की जानकारी था. वे लोग जब यहां आए तो वे इतने खुश हुए जैसे उनके हाथ खज़ाना लग गया हो.

एक अन्य स्थानीय निवासी मोहम्मद अशरफ का कहना है कि औकाफ महकमे को इमारत के गिराने की कुछ रसूखदार लोगों द्वारा सूचना दी गई थी, पर किसी अधिकारी ने कोई कदम नहीं उठाया या इस जगह आया भी. उसका दावा था कि तीन तल्ले गिरा दिये गए हैं और नए घर बना लिए गए हैं. रसूखदार लोगों ने औकाफ महकमे की मिलीभगत से इसकी महंगी खिड़कियों, रोशनदानों और लकड़ी को बेच दिया है.

(न्यूज एजेंसी आईएएनएस और पाकिस्तानी अख़बार डॉन के इनपुट्स के साथ)

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