नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व नाम सैयद वसीम रिजवी) की याचिका पर शुक्रवार को नोटिस जारी किए।
त्यागी ने 2021 में हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ में मुसलमानों के खिलाफ उनके कथित भड़काऊ भाषणों को लेकर विभिन्न स्थानों पर दर्ज आपराधिक मामलों को एक साथ जोड़ने का अनुरोध किया है।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने अधिवक्ता अनुराग किशोर की दलीलों पर गौर किया, जिन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल त्यागी लखनऊ में रहते हैं, जिनके खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हैं और इनमें से एक श्रीनगर में दर्ज है।
किशोर ने त्यागी की ओर से दलील दी कि लगातार मिल रही धमकियों के कारण जम्मू-कश्मीर की यात्रा करना उनके जीवन के लिए बहुत बड़ा जोखिम है। उन्होंने श्रीनगर में चल रहे मामले को उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे शेष मामले के साथ जोड़ने का अनुरोध किया।
पीठ ने जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड सरकार और श्रीनगर में त्यागी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले दानिश हसन को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा।
शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान त्यागी के खिलाफ सभी आपराधिक मामलों को एक साथ जोड़ने पर विचार करने पर सहमति जताई, लेकिन लंबित मामलों में उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण देने से इनकार कर दिया।
उत्तराखंड के हरिद्वार के एक थाना में दर्ज तीन आपराधिक मामले मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित हैं।
श्रीनगर में एक अलग शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद अदालत ने सम्मन जारी किया और उनकी गिरफ्तारी के लिए एक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया।
भाषा धीरज दिलीप
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