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Monday, 20 May, 2024
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‘हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया 12 हजार भारतीय सरकारी वेबसाइट पर हमला कर सकता है’ – साइबर सुरक्षा अलर्ट

सूत्र ने कहा, 'हैक्टिविस्ट समूह चीन या यूक्रेन पर भी हमला कर सकता है. वे विभिन्न देशों पर भी हमला कर सकते हैं.

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नई दिल्ली: गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने एक चेतावनी दी है कि ‘हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया’ नाम के एक समूह ने दावा किया है कि उसने केंद्र और राज्यों सहित 12 हजार भारत सरकार की वेबसाइटों की एक सूची जारी की है, जिन पर वह आने वाले दिनों में हमला कर सकता है.

हालांकि, भारत सरकार की वेबसाइट्स ‘अपडेट’ और ‘कैपाब्ल’ हैं जो इस तरह के खतरों और देश के भीतर या बाहर संभावित रूप से संचालित तत्वों द्वारा फैलाए जा रहे नरैटिव को संभालने के लिए हैं. सभी एजेंसियों, केंद्र और राज्य सरकार को अलर्ट भेज दिया गया है.

गुरुवार को I4C द्वारा अपने ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस के बाद साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस विंग द्वारा प्राप्त इनपुट के आधार पर अलर्ट प्रसारित किया गया था. I4C के साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस विंग द्वारा ‘हैकटिविस्ट इंडोनेशिया’ समूह के बारे में पता लगाया था, जो भारतीय वेबसाइटों के साथ-साथ कुछ विदेशों में भी हैक करने के अवैध अभियान में शामिल रहा है.

इनपुट को सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक नोडल एजेंसी, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (Cert.In) के साथ साझा किया गया था, जिसने राज्यों में नोडल साइबर-अपराध इकाइयों के साथ ‘संभावित खतरा’ के बारे में जानकारी साझा करने का अनुरोध किया था.

सूत्रों ने सर्कुलेट किए गए अलर्ट का हवाला देते हुए कहा,’हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया’ नाम का एक समूह भारत को निशाना बना रहा है और इसने एक लिस्ट बनाई है कि यह 12 हजार भारत सरकार की वेबसाइटों पर हमला करेगा जिसमें केंद्र और राज्यों से जुड़ी वेबसाइटें शामिल हैं.

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उसने आगे बताया, ‘हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि समूह इंडोनेशिया से संबंधित है या नहीं.’

सूत्र ने कहा कि ‘हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया’ समूह ‘मलेशिया या विभिन्न इस्लामिक देशों के एक समूह’ से हो सकता है क्योंकि समान मानसिकता वाले लोग साइबरस्पेस का उपयोग करके भारत पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं.

सूत्र ने कहा, ‘हैक्टिविस्ट समूह चीन या यूक्रेन पर भी हमला कर सकता है. वे विभिन्न देशों पर भी हमला कर सकते हैं.

‘हैकटिविस्ट इंडोनेशिया’ न केवल भारतीय वेबसाइटों पर बल्कि अन्य देशों की वेबसाइटों पर भी हमला कर रहा है. उन्होंने 12,000 भारतीय सरकारी वेबसाइटों की एक सूची प्रसारित की है, जिन्हें वे लक्षित करना चाहते हैं. I4C इकाई ने अपने ओपन सोर्स इंटेलिजेंस के माध्यम से Cert.In को सतर्क किया. इस तरह की चल रही गतिविधियां, जागरूक होने का सुझाव देती हैं.’

गृह मंत्रालय के साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, ‘यह कहानी पिछले साल से चल रही है. इस तरह के हैकर्स सरकारी वेबसाइटों पर हमला करते हैं और विभिन्न माध्यमों का उपयोग करके इन वेबसाइटों को धीमा करने की कोशिश करते हैं. हालांकि, सरकारी वेबसाइटें अपडेट रहती हैं. यह कोई नई बात नहीं है.’

विशेषज्ञों ने कहा, पिछले साल भी ऐसे हैकर्स द्वारा गुजरात में कई वेबसाइटों को हैक करने की कोशिश की गई थी. हैकर्स वेबसाइटों को धीमा करने के लिए भारी इंटरनेट ट्रैफिक भेजने की कोशिश करते हैं ताकि उपयोगकर्ता प्रभावित हों और वे ऑनलाइन सेवाओं और साइटों तक पहुंच या कनेक्ट नहीं कर सकें.’

‘हैकर्स डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस हमले के माध्यम से सरकारी वेबसाइटों को चेक करते थे, जो एक साइबर अपराध है जिसमें हमलावर उपयोगकर्ताओं को कनेक्टेड ऑनलाइन सेवाओं और साइटों तक पहुंचने से रोकने के लिए इंटरनेट ट्रैफ़िक के साथ एक सर्वर को भर देता है.’

खतरे के परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार ने पहले ही साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा के माध्यम से राज्यों को सूचित कर दिया है कि उनकी वेबसाइटों की सुरक्षा कैसे की जाए, गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए बताया, ‘एक GIGW दिशानिर्देश भी है जो हैकर्स की ऐसी अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण रखने में मदद करता है.’


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