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सोमवार, 5 मई, 2025
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ओडिशा में गुप्तेश्वर वन को जैव-विविधता विरासत स्थल घोषित किया गया

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भुवनेश्वर, 12 फरवरी (भाषा) ओडिशा के कोरापुट जिले के गुप्तेश्वर शिव मंदिर से सटे घने हरे भरे गुप्तेश्वर वन को राज्य का चौथा जैव विविधता-विरासत स्थल घोषित किया गया है। एक सरकारी अधिसूचना में इसकी जानकारी दी गयी है ।

अधिसूचना में कहा गया है कि गुप्तेश्वर वन करीब 350 हेक्टेयर सीमांकित क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां स्थानीय लोग पवित्र उपवन में पूजा अर्चना करते हैं और साथ ही यहां जीव जंतु और पेड़ पौधों की बहुत सी प्रजातियां पायी जाती हैं।

इसमें कहा गया है कि ओडिशा जैव विविधता बोर्ड द्वारा आयोजित जैव विविधता सूची एवं सर्वेक्षण में स्तनधारियों की 28 प्रजातियों, पक्षियों की 188, उभयचरों की 18, सरीसृप की 48, मछलियों की 45, तितलियों की 141प्रजातियों समेत जीव जंतुओं की कम से कम 608 प्रजातियां हैं।

इसमें पतंगों की 43 प्रजातियां, ओडोनेट्स की 41 प्रजातियां, मकड़ियों की 30, बिच्छू की छह और निचले अकशेरुकी जीवों की 20 प्रजातियां भी शामिल हैं।

गुप्तेश्वर की चूना पत्थर की गुफायें दक्षिणी ओडिशा में पाई जाने वाली चमगादड़ों की कुल 16 प्रजातियों में से आठ प्रजातियों का आवास हैं। इनमें से दो हिप्पोसिडेरोस गैलेरिटस और राइनोलोफस रौक्सी, इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर की लुप्तप्राय: श्रेणी में हैं।

गुप्तेश्वर को जैव विविधता-विरासत स्थल घोषित करने से जहां इस जंगल के साथ लोगों का सांस्कृतिक जुड़ाव बढ़ेगा वहीं इसकी बहुमूल्य जैव विविधता का संरक्षण भी होगा।

इसे विरासत स्थल घोषित किये जाने के साथ ही प्रदेश में अब चार जैव विविधता-विरासत स्थल हो गए हैं। तीन अन्य, कंधमाल, गजपति एवं बारगढ़ तथा बोलांगीर जिलों में स्थित हैं।

भाषा रंजन रंजन नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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