नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने राष्ट्रीय राजधानी के निजी स्कूल के छात्रों के अभिभावकों के साथ शनिवार को बातचीत की और उन्हें फीस को विनियमित करने एवं शुल्क तय करने में पारदर्शिता बनाए रखने का आश्वासन दिया।
एक बयान के अनुसार, अभिभावकों ने स्कूल फीस को विनियमित करने के वास्ते विधेयक पेश करने पर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रस्तावित विधेयक को ‘‘ऐतिहासिक निर्णय’’ करार दिया, जिससे छात्रों एवं उनके परिजनों को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के साथ कोई अन्याय न हो।
गुप्ता ने कहा, ‘‘यदि कोई स्कूल फीस को लेकर किसी अभिभावक या छात्र को परेशान करता है तो वे सीधे मेरे कार्यालय या शिक्षा मंत्री से संपर्क कर सकते हैं।’’
उन्होंने दिल्ली स्कूल शिक्षा पारदर्शिता निर्धारण एवं शुल्क विनियमन विधेयक, 2025 के कदम को ‘‘साहसिक व ऐतिहासिक’’ करार दिया।
एक बयान के अनुसार, गुप्ता ने कहा कि यह विधेयक दिल्ली के सभी 1,677 निजी स्कूलों पर लागू होगा, जिससे पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से फीस विनियमन सुनिश्चित होगा।
उन्होंने कहा कि नयी प्रणाली में शुल्क निर्धारण प्रक्रिया में अभिभावकों, स्कूल प्रबंधन और अन्य हितधारकों की भागीदारी अनिवार्य होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाओं के साथ 65 नए सीएम श्री स्कूल स्थापित कर रही है, जिससे माता-पिता बच्चों का दाखिला निजी संस्थानों की बजाय सरकारी स्कूलों में कराने पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री गुप्ता के नेतृत्व में दृढ़ संकल्प के साथ काम किया है।
भाषा प्रीति माधव
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