चंपावत, चार जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के चंपावत जिले में नेपाल सीमा से सटे किमतोली में स्वीकृत गुमदेश उपतहसील में सात साल बाद आखिरकार कामकाज शुरू हो सकेगा। जनता इसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के यहां से विधायक चुने जाने का असर मान रही है।
जिलाधिकारी नरेंद्र भंडारी ने बताया कि 15 अगस्त 2022 को उपतहसील का संचालन शुरू हो जाएगा।
मालूम हो कि भारत-नेपाल सीमा पर स्थित गुमदेश उपतहसील का शासनादेश 15 जून 2015 को जारी हुआ था, लेकिन इसका संचालन अभी तक शुरू नहीं हो सका है।
कलक्ट्रेट के प्रभारी अधिकारी ने जनवरी 2021 में राजस्व परिषद को भेजे पत्र में राजस्व अधिकारी और कर्मियों की कमी को उपतहसील का संचालन शुरू न होने की वजह बताया था।
माना जा रहा है कि खटीमा से चुनाव हारने के बावजूद दोबारा मुख्यमंत्री बने धामी के उपचुनाव में चंपावत से विधायक चुने जाने के बाद इस उपतहसील का संचालन शुरू हो जाएगा।
उपतहसील के खुलने से 41 ग्राम पंचायतों की 35 हजार से अधिक आबादी को लाभ मिलेगा। इससे गुमदेश क्षेत्र के ग्रामीणों को खतौनी की नकल निकलवाने और स्थायी निवास, जाति, आय प्रमाणपत्र सहित अन्य जरूरी दस्तावेज बनवाने के लिए 39 किलोमीटर दूर लोहाघाट नहीं जाना पड़ेगा।
किमतोली के राजस्व गांव गुरेली (खालगढ़) को उपतहसील मुख्यालय बनाया गया है। फिलहाल किमतोली के ग्रोथ सेंटर भवन में इसका संचालन किया जाएगा। इसके लिए फर्नीचर और अन्य जरूरी सामग्री भेज दी गई है।
उपजिलाधिकारी रिंकू बिष्ट ने बताया कि उपतहसील के अस्तित्व में आने से गुमदेश क्षेत्र के 35 हजार से अधिक लोगों को सुविधा मिलेगी।
वहीं, विकास संघर्ष समिति के माधो सिंह अधिकारी ने कहा कि उपतहसील से प्रमाणपत्र बनवाने में तो आसानी होगी ही, साथ ही क्षेत्र के विकास को भी नयी दिशा मिलेगी।
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सं पारुल
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