नाडियाड (गुजरात), 13 अप्रैल (भाषा) यहां की एक अदालत ने फिरौती के प्रयास में सात साल की बच्ची के अपहरण और हत्या के मामले में बुधवार को एक महिला और उसके दो बेटों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
अभियोजन के मामले के अनुसार, मीत और ध्रुव पटेल और उनकी मां जिगिशाबेन ने दो नाबालिगों के साथ उसी इलाके में अपनी दादी के साथ रहने वाली तान्या (7) का अपहरण करने की साजिश रची।
इसमें कहा गया कि आरोपी क्रिकेट सट्टेबाजी में चढ़े 18 लाख के कर्ज को उतारना चाहते थे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी आर भट्ट ने महिला और उसके दो बेटों को “आखिरी सांस तक” आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उन्हें पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में 4 लाख रुपये का भुगतान करने का भी आदेश दिया।
आम तौर पर आजीवन कारावास 14 से 20 साल तक चलता है, लेकिन इस मामले में सजा की कोई छूट नहीं होगी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, मीत पटेल ने 19 सितंबर, 2017 को लड़की को उसके घर से अगवा कर लिया और किराए की कार में आणंद के पास ले गया। उसने फिरौती मांगने से पहले उसे मारने का फैसला किया क्योंकि लड़की ने उसे पहचान लिया था।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपी ने पहले उसके लिये आइसक्रीम और चॉकलेट भी खरीदी, फिर उसके शरीर पर एक भारी पत्थर बांधकर उसे पुल से नदी में फेंक दिया।
तान्या के परिवार के सदस्यों के पुलिस से संपर्क करने और लड़की के लापता होने की जांच शुरू होने का पता चलने पर मीत ने फिरौती के लिए फोन नहीं करने का फैसला किया।
घर लौटने के बाद, वह खोज में भी शामिल हो गया लेकिन उसके संदिग्ध व्यवहार के कारण उसकी गिरफ्तारी हुई। उसके बाद दूसरों की गिरफ्तारी हुई।
तीन दिन बाद बच्ची का शव बरामद हुआ। जांच में पता चला कि मीत पटेल क्रिकेट सट्टे का आदि था और उसे 18 लाख रुपये का नुकसान हुआ था।
आरोपी ने कर्ज चुकाने के लिए पैसे लेने के लिए बगल में रहने वाली लड़की को अगवा करने की साजिश रची।
मामले में आरोपी दो नाबालिगों का मुकदमा अलग चल रहा है।
भाषा
प्रशांत नरेश
नरेश
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