अहमदाबाद, 22 जनवरी (भाषा) दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में गुजरात की झांकी अंग्रेजों द्वारा साबरकांठा जिले के 1,200 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के नरसंहार को प्रदर्शित करेगी। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
साबरकांठा जिले में पाल दढ़वाव के कम से कम 1,200 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजों ने सात मार्च, 1922 को गोलीबारी में मार दिया था।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘गणतंत्र दिवस परेड के लिए गुजरात से 45 फुट लंबी, 14 फुट चौड़ी और 16 फुट ऊंची झांकी, पाल दढ़वाव गांव के आदिवासी क्रांतिकारियों पर ब्रिटिश सेना द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी की घटना को प्रदर्शित करेगी।’’
विज्ञप्ति में कहा गया है कि आदिवासियों द्वारा ‘कोलियारी के गांधी’ माने जाने वाले मोतीलाल तेजावत की सात फुट की प्रतिमा झांकी का मुख्य आकर्षण होगी।
इसमें कहा गया है कि इनके अलावा, झांकी में छह अन्य मूर्तियां हैं और छह कलाकार भी त्रासदी के दर्द को जीवंत करने के लिए प्रदर्शन करेंगे।
क्रांति के प्रतीक के रूप में मशाल लेकर चार आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की चार फुट ऊंची प्रतिमा होगी। ये मूर्तियां स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी लोगों की बहादुरी, साहस और समर्पण को प्रदर्शित करती हैं।
झांकी के साथ, पारंपरिक वेशभूषा में सजे 10 आदिवासी कलाकार लोकप्रिय लोक नृत्य करेंगे और लोकगीत में घटना का वर्णन करते हुए एक गीत गाएंगे।
भाषा देवेंद्र उमा
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