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Monday, 4 November, 2024
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गुजरात दंगा : नरोदा गाम नरसंहार मामले में पूर्व मंत्री माया कोडनानी, बाबू बजरंगी समेत सभी आरोपी बरी

साल 2010 में शुरू हुए मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष ने 187 गवाहों और 57 चश्मदीद गवाहों की जांच की और लगभग 13 साल तक चले इस केस में 6 जजों ने लगातार मामले की सुनवाई की है.

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नई दिल्ली: अहमदाबाद की एक विशेष अदालत ने 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान नरोदा गाम में मुस्लिम समुदाय के 11 सदस्यों की हत्या के मामले में गुरुवार को फैसला सुनाते हुए भाजपा की पूर्व विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत सभी को बरी कर दिया.

विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.के. बक्शी ने कहा कि इस मामले में कोई सबूत नहीं है इसलिए सभी को बरी किया जाता है. इस मामले में कुल 86 आरोपी थे, लेकिन उनमें से 18 लोगों की सुनवाई के दौरान मौत हो गई.

अभी तक सभी आरोपी ज़मानत पर बाहर थे. साल 2010 में शुरू हुए मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष ने 187 गवाहों और 57 चश्मदीद गवाहों की जांच की और लगभग 13 साल तक चले इस केस में 6 जजों ने लगातार मामले की सुनवाई की है.

बता दें कि गोधरा में ट्रेन आगजनी की घटना में अयोध्या से लौट रहे 58 यात्रियों की मौत के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में इसी दौरान सुबह करीब 9 बजे लोगों की भीड़ बाज़ार बंद कराने लगी और हिंसा भड़क उठी और दंगों के दौरान कम से कम 11 लोग मारे गए थे.

नरोदा ग्राम मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 143 (गैरकानूनी जमावड़ा), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना), 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मुकदमा चलाया जा रहा था.

अधिक जानकारी आने पर इस खबर को अपडेट कर दिया जाएगा.


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