अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने मंगलवार को वरिष्ठ वकील यतीन ओझा को अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया.
अदालत ने ओझा की उस टिप्पणी पर स्वत: संज्ञान लिया था, जिसमें उन्होंने अदालत को ‘जुए का अड्डा’ करार दिया था. साथ ही अदालत के खिलाफ अन्य टिप्पणियां की थीं. ओझा गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष हैं.
इस मामले में उच्च न्यायालय की ओर से पेश वकील निशा थाओरे ने कहा कि न्यायमूर्ति सोनिया गोकानी और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की खंडपीठ ने ओझा को आपराधिक अवमानना का दोषी करार दिया और बुधवार के लिए सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया.
इससे पहले उच्च न्यायालय ने ओझा की ओर से मांगी गई ‘बिना शर्त माफी’ को स्वीकार करने से इंकार कर दिया था.
ओझा ने छह जून को फेसबुक लाइव के दौरान अदालत के खिलाफ यह टिप्पणियां की थीं.
उच्चतम न्यायालय ने 16 जून को अवमानना की कार्यवाही के खिलाफ ओझा की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था और उन्हें वापस उच्च न्यायालय के समक्ष जाने को कहा था.
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