नई दिल्ली: माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद जोमैटो और स्विगी जैसे फूड डिलिवरी एप को रेस्तरां मानने और उनके द्वारा की जाने वाली आपूर्ति पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा कर सकती है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
इन फूड डिलिवरी एप को उनके माध्यम से आपूर्ति की जाने वाली रेस्तरां संबंधी सेवाओं पर जीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी बनाने का प्रस्ताव उन चार दर्जन से अधिक प्रस्तावों में से एक है जिनपर परिषद 17 सितंबर को लखनऊ में अपनी बैठक में चर्चा करेगी.
इस संबंध में मंजूरी मिलने पर इन एप को अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव करने के लिए निश्चित समय दिया जाएगा ताकि इस तरह का कर लगाने में मदद मिले.
जीएसटी परिषद द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद, इन एप को उनके द्वारा की जाने वाली डिलिवरी के लिए सरकार के पास जीएसटी जमा करना होगा. वे रेस्तरां की जगह पर यह जीएसटी देंगे. हालांकि अंतिम उपभोक्ताओं पर किसी अतिरिक्त कर का बोझ नहीं पड़ेगा.
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