रायपुर: खनिज संपदा और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से भरापूरा राज्य छत्तीसगढ़ को आमतौर पर एक पिछड़ा और गरीब क्षेत्र माना जाता है जहां कुपोषण के केस आज भी खासी तादात में देखने को मिलते हैं. लेकिन यदि राज्य सरकार के आंकड़ो की मानें तो प्रदेश की 2019-20 में संभावित विकास दर देश की विकास दर से भी अधिक रहने की उम्मीद है. यह खुलासा राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए बजट पूर्व आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को राज्य विधानसभा के पटल पर रखने के बाद हुआ. हालांकि यह अभी अंतिम रिपोर्ट नहीं है वरन यह एक अनुमानित आंकड़ा है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के सातवें दिन संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 सदन के पटल पर रखा. योजना, आर्थिक एवं खांख्यिकी विभाग के मंत्री अमरजीत भगत की अनुपस्थिति में संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने इस वार्षिक रपट को सदन पटल पर रखा है. आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 में छत्तीसगढ़ राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर स्थिर भावों पर 5.32 प्रतिशत अनुमानित है, जो देश की अनुमानित विकास दर 5 प्रतिशत से अधिक है.
इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में जीएसडीपी के घटकों की स्थिर भावों पर विकास दर राष्ट्रीय स्तर से अधिक रहने का अनुमान है.
वहीं प्रदेश के कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र में वर्ष 2019-20 में 3.3 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है जो देश की इस क्षेत्र की विकास दर 2.8 प्रतिशत से अधिक है. सर्वे के अनुसार प्रदेश में औद्योगिक विकास दर 4.9 प्रतिशत अनुमानित है, जो अखिल भारतीय वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत से तुलनात्मक रूप से बेहतर रहने का अनुमान है. इसी प्रकार सेवा क्षेत्र में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि दर अनुमानित है.
जीएसडीपी में स्थिर भाव (वर्ष 2011-12) में प्रदेश के कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 16.81 प्रतिशत अनुमानित है, जबकि देश में इस क्षेत्र की वृद्धि दर स्थिर भावों पर 14.09 प्रतिशत अनुमानित है.
कृषि का योगदान तीसरे स्थान पर
प्रदेश की विकास दर में कृषि क्षेत्र का योगदान तीसरे स्थान पर है. इसी प्रकार औद्योगिक क्षेत्र की विकास दर 46.19 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो राष्ट्रीय दर 30.57 प्रतिशत से अधिक है. प्रदेश के विकास दर में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान प्रथम स्थान पर है. इसी तरह सेवा क्षेत्र की स्थिर भावों पर विकास दर 37 प्रतिशत अनुमानित है.
सर्वेक्षण में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के प्रचलित भाव दर पर अनुमान वर्ष 2018-19 में अंकलित 3 लाख 4 हजार करोड़ रूपए से बढ़ाकर वर्ष 2019-20 में 3 लाख 29 हजार करोड़ रूपए अनुमानित है जो 8.26 प्रतिशत की वृद्धि होना दर्शाता है. इसी प्रकार जीएसडीपी स्थिर भाव वर्ष 2011-12 पर वर्ष 2018-19 में आंकलित रूपए 2 लाख 31 हजार करोड़ रूपए से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 2 लाख 43 हजार करोड़ रूपए अनुमानित है. स्थिर भावों पर इस वर्ष जीएसडीपी विकास दर 5.32 प्रतिशत होना है.
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) वर्ष 2018-19 की तुलना में 5.32 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है जिसमें कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र (कृषि, पशुपालन, मत्स्य एवं वन) में 3.31 प्रतिशत, उद्योग क्षेत्र (निर्माण, विनिर्माण, खनन एवं उत्खनन, विद्युत, गैस तथा जल आपूर्ति सहित) में 4.94 प्रतिशत एवं सेवा क्षेत्र में 6.62 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है.
छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2018-19 के त्वरित अनुमान के अनुसार 92 हजार 413 रूपए से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 98 हजार 281 रूपए होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.35 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है. छत्तीसगढ़ में 6.35 प्रतिशत प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि दर्ज की गई है, आर्थिक विकास के साथ प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि होगी.