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Sunday, 16 March, 2025
होमदेशअमृतसर में मंदिर पर ग्रेनेड हमला, पुलिस ने पाकिस्तान की ISI और नार्को-टेरर मॉड्यूल से संबंध जोड़े

अमृतसर में मंदिर पर ग्रेनेड हमला, पुलिस ने पाकिस्तान की ISI और नार्को-टेरर मॉड्यूल से संबंध जोड़े

अमृतसर पुलिस ने कहा कि यह घटना बिहार में BKI के 3 गुर्गों की गिरफ्तारी से भी जुड़ी हो सकती है. हालांकि, यह पंजाब में ऐसी 15वीं घटना थी, लेकिन यह पहली बार है जब किसी मंदिर को निशाना बनाया गया.

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चंडीगढ़: पंजाब पुलिस का कहना है कि शनिवार की सुबह अमृतसर के एक मंदिर में हुआ विस्फोट “पाकिस्तान की ISI” का काम लग रहा है. पिछले सात महीनों में पंजाब में यह 15वीं ऐसी घटना थी, लेकिन पहली बार किसी मंदिर को निशाना बनाया गया.

सीसीटीवी फुटेज में दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवार व्यक्तियों को आधी रात के बाद अमृतसर के भीड़भाड़ वाले खंडवाला इलाके में ठाकुरद्वारा मंदिर पर विस्फोटक उपकरण फेंकते हुए देखा गया. विस्फोट में मंदिर का सामने का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन अभी तक किसी के घायल होने या मृत होने की खबर नहीं है. इलाके के पार्षद एडवोकेट किरणप्रीत सिंह ने मीडिया को बताया कि विस्फोट बहुत शक्तिशाली था और इसकी आवाज़ कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई.

उन्होंने कहा कि मंदिर कम से कम 20 साल पुराना था और इलाके के लोग अक्सर वहां आते थे. “घटना के समय पुजारी और उनका परिवार मंदिर के अंदर थे, लेकिन शुक्र है कि कोई घायल नहीं हुआ, हालांकि मंदिर का सामने का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया.”

पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर से जब इस घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “…पाकिस्तान की आईएसआई हमारे युवाओं को पंजाब में अशांति फैलाने के लिए बहकाती है.”

उन्होंने कहा, “पाकिस्तान समय-समय पर ऐसी शरारती हरकतें करता रहता है.”

भुल्लर ने विस्फोट को शुक्रवार को बिहार से अलगाववादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के तीन प्रमुख गुर्गों की गिरफ्तारी से भी जोड़ा।

भुल्लर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि बीकेआई से जुड़े नार्को-टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है और बिहार के मधेपुर में खंडवाला इलाके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा, “खंडवाला वही इलाका है, जहां कल रात विस्फोट हुआ था.”

भुल्लर ने कहा, “इस बात की पूरी संभावना है कि ये गिरफ्तारियां विस्फोट से जुड़ी हुई हैं. नार्को-टेरर मॉड्यूल को 21-वर्षीय करणदीप यादव चला रहा था, जो मैट्रिक पास है और शटरिंग का काम करता था. वह बीकेआई के पैदल सैनिकों को ग्रेनेड सप्लाई करने के मामले में वांछित था.”

उन्होंने आगे कहा, “गिरफ्तार किए गए अन्य दो लोगों में मुकेश कुमार यादव शामिल है, जो मैट्रिक पास है और डिस्क जॉकी के तौर पर काम करता था और सज्जन कुमार प्लास्टर ऑफ पेरिस डेकोरेटर के तौर पर काम करता था.”

भुल्लर ने कहा कि पुलिस ने पिछले हफ्ते गिरफ्तार किए गए दो ड्रग तस्करों से ग्रेनेड और विस्फोटक सप्लाई करने वाले करणदीप उर्फ ​​“करण भैया” के बारे में जानकारी जुटाई है. उन्होंने कहा कि करणदीप, मुकेश और सज्जन देश से नेपाल भागने की कोशिश कर रहे थे, तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

भुल्लर ने कहा, “मंदिर के बाहर हुए विस्फोट में शामिल लोगों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. हम गिरफ्तार किए गए बीकेआई के तीन गुर्गों के पंजाब पहुंचने का इंतज़ार कर रहे हैं, जिसके बाद हम उनसे पूछताछ करेंगे.”


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मंदिर पर इस तरह का पहला हमला

पिछले सात महीनों में पंजाब में ग्रेनेड विस्फोट की यह 15वीं घटना है. हालांकि, पहले के मामलों में पुलिस इस्टैब्लिशमेंट या आधिकारिक आवासों को निशाना बनाया गया था और यह पहली बार है कि किसी मंदिर पर इस तरह का हमला किया गया है.

वरिष्ठ अकाली नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने एक्स पर कहा, “यह सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह पंजाब को अस्थिर करने और इसे उग्रवाद के काले दौर में वापस ले जाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है. उन्होंने घटना की न्यायिक जांच की मांग की है.

नवंबर 2022 में, शिवसेना (टकसाली) के नेता सुधीर सूरी की सिख कट्टरपंथी संदीप सिंह ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब सूरी अमृतसर में एक मंदिर के बाहर हिंदू देवताओं के अपमान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

और इस साल जनवरी में, बदमाशों ने दिवंगत शराब ठेकेदार और कांग्रेस नेता राजिंदर कुमार के आवास पर ग्रेनेड फेंका. बीकेआई ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि उन्होंने ठेकेदार से कई बार शराब बेचना बंद करने को कहा था, लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी.

इनमें से कई मामले बीकेआई के कार्यकर्ता हरप्रीत सिंह उर्फ ​​हैप्पी पासिया से जुड़े थे, जो अमेरिका में रहने वाला एक गैंगस्टर से आतंकवादी बन गया था. भुल्लर ने कहा, “विस्फोट करने वाले लोग पंजाब के ही हैं. मैं चाहता हूं कि जो युवा स्वेच्छा से इन गतिविधियों में भाग ले रहे हैं, उन्हें पकड़ा जाए और उनकी, उनके माता-पिता की ज़िंदगी बर्बाद हो जाए. वह जिन लोगों के लिए काम कर रहे हैं, वह विदेश में हैं और उनके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है.”

शनिवार को अमृतसर पुलिस ने ठाकुरद्वारा मंदिर प्रबंधन के साथ बैठक की और आश्वासन दिया कि घटना में शामिल सभी लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

अमृतसर पुलिस ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, “बैठक के दौरान स्थानीय निवासियों से भी शांति बनाए रखने और पुलिस के साथ सहयोग करने का आग्रह किया गया.”

बिगड़ती कानून व्यवस्था

विपक्ष ने आम आदमी पार्टी सरकार के तहत राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की निंदा की है.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में शांति भंग करने और इसे अशांत राज्य के रूप में दिखाने के कई प्रयास किए गए हैं. हालांकि, मान ने कहा कि पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति “कई अन्य राज्यों की तुलना में बहुत बेहतर है, जहां होली जैसे त्योहारों पर लोगों पर लाठीचार्ज किया जाता है”.

भारतीय जनता पार्टी के सांसद और केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने एक्स पर कहा, “मैं अमृतसर के खंडवाला में ठाकुरद्वारा मंदिर पर बम हमले की कड़ी निंदा करता हूं. AAP सरकार सीमावर्ती शहर में बार-बार होने वाले विस्फोटों को रोकने में विफल रही है. पंजाब में बिगड़ती कानून व्यवस्था गंभीर चिंता का विषय है.”

चीमा ने कहा कि यह घटना “राज्य में कानून व्यवस्था के पूरी तरह ध्वस्त होने का सबूत है”.

उन्होंने केंद्रीय और राज्य एजेंसियों पर सिखों के बीच “खानाजंगी” (विभाजन) पैदा करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया. चीमा ने कहा, “केंद्र और राज्य सरकारों को इन घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए और सिखों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए तथा सिख संस्थाओं पर अवैध रूप से नियंत्रण करने की चाहत रखने वाली ताकतों को भड़काना बंद करना चाहिए.”

उन्होंने कहा, “इस तरह के प्रयोग पहले भी खतरनाक साबित हुए हैं और पंजाब को फिर से गलत दिशा में ले जा रहे हैं. इसलिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारों को इतिहास से सीख लेनी चाहिए.”

अमृतसर में दुर्गियाना मंदिर के मामलों की देखरेख करने वाली समिति की प्रमुख वरिष्ठ भाजपा नेता लक्ष्मी कांता चावला ने दिप्रिंट से कहा कि मंदिर पर हमला शांति और सद्भाव को बाधित करने का एक स्पष्ट प्रयास था.

उन्होंने कहा, “ऐसे कई लोग हैं जो नहीं चाहते कि पंजाब में शांति बनी रहे और वह लगातार परेशानी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. इन नापाक ताकतों द्वारा अपने काम को अंजाम देने के लिए जिन लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह बहुत गरीब परिवारों के युवा लड़के हैं जो महज़ 10-15 हज़ार रुपये के लिए इन कृत्यों को अंजाम देते हैं.”

चावला ने कहा, “यह एक गंभीर मामला है और पुलिस को शांति को बाधित करने के सभी प्रयासों को सख्ती से कुचलने की ज़रूरत है.”

अग्रणी नागरिक समाज समूह अमृतसर विकास मंच ने कहा कि शहर प्रशासन और पंजाब सरकार को दोषियों की पहचान करने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए.

मंच के संरक्षक कुलवंत सिंह अंखी ने एक बयान में कहा, “अमृतसर के निवासी शांति, सुरक्षा और निडरता के माहौल में रहने के हकदार हैं.”

उन्होंने कहा, “यह गौर करने वाली बात है कि अमृतसर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है, जो प्रतिदिन हज़ारों विजिटर्स और भक्तों को आकर्षित करता है. उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.”

अंखी ने अमृतसर के निवासियों को “ऐसी कायरतापूर्ण और विघटनकारी कार्रवाइयों के सामने डर के आगे न झुकने और उन लोगों के खिलाफ एकजुट होने के लिए प्रोत्साहित किया जो विभाजन और नफरत फैलाना चाहते हैं”.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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