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Saturday, 11 May, 2024
होमदेशदिल्ली में अब ग्रीन पटाखों पर भी 30 नवंबर तक लगा प्रतिबंध, कोलकाता के 53000 वेंडरों ने 2 लाख रुपये मुआवजे की मांग

दिल्ली में अब ग्रीन पटाखों पर भी 30 नवंबर तक लगा प्रतिबंध, कोलकाता के 53000 वेंडरों ने 2 लाख रुपये मुआवजे की मांग

वायु प्रदूषण और महामारी के मद्देनजर देश के कई राज्यों ने दिवाली में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इनमें दिल्ली, कर्नाटक, मध्य-प्रदेश और पश्चिम बंगाल प्रमुख राज्य हैं.

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नई दिल्ली: बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने देश की राजधानी में किसी भी तरह के पटाखों की बिक्री पर 30 नवंबर तक पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है. वायु प्रदूषण और महामारी के मद्देनजर देश के कई राज्यों ने दिवाली में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इनमें दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य-प्रदेश और पश्चिम बंगाल प्रमुख राज्य हैं.

दिल्ली में पटाखे की बिक्री न हो इसके लिए राज्य सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है.अधिसूचना जारी करते हुए दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा, ‘आज सरकार ने पटाखा प्रतिबंध को लागू करने के लिए दिल्ली पुलिस और डिवीजनल कमिश्नर को तंत्र तैयार करने का निर्देश देते हुए एक अधिसूचना जारी की.

‘9 नवंबर को पर्यावरण विभाग, डिवीजनल कमिश्नर और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को कार्य योजना बनाने के लिए बैठक के लिए बुलाया गया है.’

गोपाल राय ने यह भी बताया कि यदि कोई आदेश का उल्ल्ंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसपर एक लाख रुपये तक फाइन लगाया जाएगा.

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प्रदर्शन की तैयारी में पटाखा विक्रेता

अचानक ग्रीन पटाखों पर लगे प्रतिबंध से दिल्ली के पटाखा वेंडर अकुल जैन ने सरकार से गुजारिश की है कि दिवाली तक दिल्ली में पटाखे की बिक्री की इजाजत दें. जैन ने कहा, ‘अचानक से पटाखों की बिक्री पर लगे प्रतिबंध से हमलोगों को 15-20 लाख रुपये का सीधा घाटा हो जाएगा.

वहीं दूसरे पटाखा विक्रेता सत्यप्रकाश ने कहा कि पहले सरकार ने कहा था, ‘इको फ्रेंडली पटाखे बेचे जा सकते हैं और उन्होंने हमें लाइसेंस भी दिया था. हमने स्टॉक में पटाखे खरीद कर रख लिया है. अब जब सरकार ने सभी पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है तो हमें बहुत भारी नुकसान होगा.’

एक  अन्य पटाखा विक्रेता दीपक जैन ने कहा, ‘जब सुप्रीम कोर्ट ने इको फ्रेंडली पटाखे की बिक्री की अनुमति दे दी थी तो हमने बड़ी मात्रा में पटाखे स्टॉक में रख लिया लेकिन अब मुख्यमंत्री ने सभी तरह के पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. पटाखा जैन ने कहा कि हम इस प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन भी करें.’

बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बहुत खराब स्थिति में पहुंची दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को किसी भी तरह के पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है. यह प्रतिबंध 7 नवंबर से 30 नवंबर तक लागू रहेगा.


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सुप्रीम कोर्ट का सरकार को आदेश

वहीं देश की राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से यह सुनिश्चित करने को कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण युक्त स्मॉग न हो. न्यायालय ने प्रदूषण संबंधी याचिकाओं पर दिवाली की छुट्टी के बाद सुनवाई करने का निर्णय लिया है.

केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में कहा वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग आज से काम करना शुरू कर देगा. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘वायु प्रदूषण से निपटने के लिए, हमने एक आयोग की स्थापना की है जिसका नेतृत्व दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव एमएम कुट्टी करेंगे. यह जल्द ही काम शुरू करेगा और उत्तर भारत में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ काम करेगा.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी कोविड-19 के मद्देनजर पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा है कि जल्द ही ऑर्डर भी जारी कर दिए जाएंगे. जबकि कोलकाता में उच्च न्यायालय ने ही दिवाली, काली पूजा और छठ पूजा तक पटाखों के फोड़ने और बिक्री पर रोक लगा दी है.

न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी और अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने दो जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. अदालत ने निर्देश दिया कि प्रतिबंध जगद्धात्री पूजा, छठ और कार्तिक पूजा के दौरान भी लागू रहेगा.

अदालत ने कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान लागू होने वाले दिशानिर्देश जैसे पंडालों में प्रवेश पर रोक आदि, काली पूजा के दौरान भी लागू होंगे. पीठ ने दुर्गा पूजा पर अदालत द्वारा निर्देशित दिशानिर्देशों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्य सरकार की सराहना की.

मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने कहा था, ‘हर किसी के सहयोग से, हम बिना पटाखों के काली पूजा और दीवाली त्योहारों को मनाना चाहते हैं। प्रशासन लोगों से पटाखों का इस्तेमाल नहीं करने की अपील करता है.’

पटाखा निर्माताओं के एक संघ ने पहले ही 53,000 से अधिक की संख्या में प्रत्येक लाइसेंस प्राप्त पटाखा डीलरों के लिए दो लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है.

दिल्ली में हवा हुई ‘बहुत खराब’

राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता शुक्रवार सुबह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही, जबकि सरकारी एजेंसियों ने कहा कि आगामी 24 घंटे में इसमें थोड़ा सुधार होने की संभावना है.

उल्लेखनीय है कि पराली जलाने के मामलों में वृद्धि और हवा की गति कम होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार सुबह प्रदूषण पिछले एक साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया था. इसमें पराली जलाने की हिस्सेदारी 42 फीसदी थी.

विशेषज्ञों ने बताया कि हवा की कम गति, तापमान में गिरावट जैसी मौसम की प्रतिकूल स्थितियों और पड़ोसी राज्यों से पराली जलने का धुआं आने से बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा, लेकिन बाद में हवा की तेज गति की वजह से प्रदूषक तत्वों का बिखराव हुआ और धुंध में कमी आई. जनवरी के बाद पहली बार बृहस्पतिवार को एक्यूआई ‘गंभीर’ स्थिति में पहुंचा था.

दिल्ली का एक्यूआई सुबह नौ बजे 397 रहा. बृहस्पतिवार को पिछले 24 घंटे में औसत एक्यूआई 450 दर्ज किया, जो पिछले साल 15 नवंबर (458) से अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है.

उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.

बता दें कि वायु प्रदूषण का सीधा असर कोविड-19 के मरीजों पर पड़ रहा है. पिछले चार दिनों में एक बार फिर दिल्ली का दम फूल रहा है और दिल्ली की आबो-हवा बहुति खराब स्तर पर पहुंच गई है जिसके बाद सरकार ने फैसला लिया है कि देश की राजधानी में दिवाली के मौके पर किसी तरह के पटाखे नहीं बेचे जाएंगे.

पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 के मामलों में तेज बढ़ोतरी हुई है और शुक्रवार को लगातार चौथे दिन संक्रमण के 6,000 से ज्यादा मामले आए.और यह 7000 के स्तर पर पहुंच रहा है.

केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली में कोरोना की स्थिति और तैयारियों के लिए मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक की.

त्योहार के मौसम और प्रदूषण के कारण संक्रमण के मामले बढ़े हैं. दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने, चिकित्सा संबंधी आधारभूत ढांचा को चाक-चौबंद बनाने, दिल्ली सरकार के अस्पतालों में ऑक्सीजन और आईसीयू बेड बढ़ाने का फैसला किया गया है.’

इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री ने इस दिवाली पर दिल्लीवासियों से पटाखे नहीं चलाने की अपील की थी.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)


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