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Sunday, 22 September, 2024
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केंद्रीय बजट में ‘हरित व्यय’ कोष अलग रखा जाए : विशेषज्ञों की राय

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नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) आगामी केंद्रीय बजट पेश किए जाने से एक दिन पहले, पर्यावरण विशेषज्ञों ने सोमवार को आह्वान किया कि ‘हरित व्यय’ के तहत बजटीय आवंटन किया जाए ताकि यह दिखाया जा सके कि ग्लासगो में ‘सीओपी26’ सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत गंभीर है।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत के जलवायु लक्ष्यों के लिए सिर्फ इसी दशक में ऊर्जा भंडारण में करीब 3.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक अप्रैल, 2022 से शुरू हो रहे वित्त वर्ष का बजट मंगलवार को लोकसभा में पेश करेंगी।

क्लाइमेट पॉलिसी इनीशिएटिव के भारत निदेशक ध्रुब पुरकायस्थ ने कहा कि केंद्रीय बजट इस बार बजट में हरित व्यय मद की घोषणा करके ध्यान आकृष्ट करने का अवसर हो सकता है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक व्यय आवंटन विभिन्न क्षेत्रों में कई कार्यक्रमों से जुड़ा होता है, जिनमें से कुछ को ‘हरित’ के रूप में शामिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह संकेत देगा कि भारत सरकार ग्लासगो में प्रधानमंत्री द्वारा जतायी गयी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए गंभीर है।

वहीं वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) इंडिया में जलवायु कार्यक्रम निदेशक उलका केलकर ने कहा कि भारत के जलवायु लक्ष्यों को सिर्फ इसी दशक में ऊर्जा भंडारण में करीब 3.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर के निवेश की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि बैटरी भंडारण में निवेश को आकर्षित करने व गैर-जीवाश्म बिजली उत्पादन को बढ़ाने के लिए बजट प्रोत्साहन और जोखिम की गारंटी महत्वपूर्ण होगी।

डब्ल्यूआरआई से ही जुड़े एक अन्य विशेषज्ञ ए नंबी अप्पादुरई ने कहा कि सरकार को दीर्घकालिक जलवायु लचीलापन और अनुकूलन मार्ग विकसित करने पर जोर देना चाहिए तथा इसके लिए बजट में पर्याप्त धनराशि आवंटित की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि बजट 2022-23 में स्थानीय स्तर पर संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त संसाधनों को अलग रखना चाहिए, खासकर प्रकृति-आधारित समाधानों को बढ़ाने, जमीनी स्तर की क्षमताओं का निर्माण करने तथा राज्य व स्थानीय सरकारों के जरिए काम करने के लिए।

उन्होंने कहा कि ऐसे निवेश से देश की जलवायु प्रतिबद्धताओं, लोगों, उनकी आजीविका और सकल घरेलू उत्पाद को भी कई और दीर्घकालिक लाभ होंगे।

इसके साथ ही विशेषज्ञों ने ‘हरित हाइड्रोजन’ के लिए बजटीय आवंटन का भी आह्वान किया और औद्योगिक क्षेत्र में इसके महत्व का जिक्र किया।

भाषा अविनाश उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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