ग्रेटर नोएडा, 24 फरवरी (भाषा) ग्रेटर नोएडा का पहला सी एंड डी वेस्ट प्लांट ईकोटेक-3 में डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएगा, जिसे देखते हुए प्राधिकरण ने सेक्टरों से निर्माण मलबा उठवाना शुरू करा दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अब तक 35 से अधिक जगहों से निर्माण एवं विध्वंस सामग्री (सी एंड डी वेस्ट) को उठाकर ईकोटेक-3 में निर्माणाधीन प्रोसेसिंग संयंत्र तक पहुंचा दिया गया है। अधिकारी के मुताबिक, इस सी एंड डी वेस्ट प्लांट में मलबे को प्रसंस्कृत कर टाइल्स आदि बनाई जाएगी, जिसका इस्तेमाल निर्माण कार्यों में हो सकेगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के बताया कि ग्रेटर नोएडा का पहला सी एंड डी वेस्ट प्लांट सेक्टर ईकोटेक-3 में बनवाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि बीते साल दिसंबर से इस पर काम शुरू हो चुका है और यह लगभग 18 माह में बनकर तैयार हो जाएगा।
भूषण के अनुसार, यह संयंत्र पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर बन रहा है और क्षेत्र से निकलने वाले निर्माण मलबे को यहां प्रसंस्कृत कर टाइल्स आदि बनाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस मलबे से लोहे को अलग करके रिसाइकिल किया जाएगा, जबकि धूल का इस्तेमाल गड्ढों को भरने व सड़क निर्माण में किया जाएगा।
भूषण के मुताबिक, इस संयंत्र की क्षमता रोजाना 100 टन मलबा प्रसंस्कृत करने की है और इसे स्थापित करने वाली कंपनी राइज इलेवन 407 रुपये प्रति टन के हिसाब से शुल्क लेगी।
उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा के अब तक 35 से अधिक सेक्टरों से 800 टन से ज्यादा मलबा उठाकर प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुंचाया जा चुका है और अगले छह महीनों में पूरे शहर के निर्माण मलबे को प्रोसेसिंग प्लांट की साइट तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
भाषा
सं. पारुल
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