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Monday, 4 November, 2024
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अरुणाचल प्रदेश के डोनी पोलो हवाई अड्डे पर आगंतुकों के स्वागत को ‘ग्रेट हॉर्नबिल’ द्वार बनाया गया

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(उत्पल बरुआ)

होलोंगी (अरुणाचल प्रदेश), छह नवंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के नवनिर्मित डोनी पोलो हवाई अड्डे आने वाले लोगों के स्वागत के लिए बांस से बना भव्य और विशालकाय ‘ग्रेट हॉर्नबिल’ द्वार बनाया गया है।

अरुणाचल प्रदेश की वास्तुकार अरोटी पानयांग ने हवाई अड्डे का मुख्य द्वार राज्य के राजकीय पक्षी ‘ग्रेट हॉर्नबिल’ के आकार में डिजाइन किया है। यह राज्य के लोगों को गर्व की अनुभूति कराएगा तथा राज्य की संस्कृति एवं परंपराओं के बारे में वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।

‘ग्रेट हॉर्नबिल’ द्वार बांस से बना है जिसका राज्य के लोगों और उसकी परंपराओं से गहरा संबंध है। भारी वाहनों और हवाई अड्डे पर यातायात के सुचारू संचालन के लिए पांच महीने के रिकॉर्ड समय में 23 फुट ऊंचे और 82 फुट चौड़े इस मुख्य द्वार का निर्माण किया गया है।

यह हवाई अड्डा राजधानी ईटानगर से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि डोनी पोलो हवाई अड्डा के भव्य स्वागत द्वार को अरुणाचल प्रदेश की वास्तुकार अरोटी पानयांग ने डिजाइन किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी संस्कृति और सतत विकास के समग्र दृष्टिकोण के साथ बमबुसा तुल्दा और बमबुसा बालकूआ (बांस की अलग-अलग प्रजातियां) से ‘स्वागत द्वार’ का निर्माण किया गया है। अरोटी पर गर्व है। अरुणाचल के राजकीय पक्षी ‘द ग्रेट हॉर्नबिल’ से प्रेरित यह स्वागत द्वार प्रेरणादायी है और आदिवासी संस्कृति के साथ गहरे संबंधों को दर्शाता है।’’

वास्तुकार पानयांग ने कहा, ‘‘इस परियोजना की सबसे मुश्किल चुनौती निर्माण का समय था, क्योंकि निर्माण कार्य बरसात के दिनों में होना था। हमने दूसरी जगहों पर इस द्वार के कुछ हिस्सों का निर्माण किया, जिसके कारण हम समय पर निर्माण कार्य कर सके। निर्माण कार्य तय समय सीमा से पहले, पांच महीने में पूरा हो गया।’’

पानयांग ने कहा कि चूंकि हवाई अड्डा उड़ानों का प्रतिनिधित्व करते हैं और पहला विमान पक्षियों की उड़ान से प्रेरित था, ऐसे में अनोखा दिखने वाला ‘ग्रेट इंडियन हॉर्नबिल’ द्वार के लिए प्रेरणा बन गया।

‘ग्रेट हॉर्नबिल’ के सभी पहलुओं का अध्ययन किया गया… इसके शरीर की संरचना और उड़ान आदि सबको ध्यान में रखा गया। इस पक्षी के सबसे अनोखे लक्षणों में उसकी चोंच, उसके शरीर की विशालकाय संरचना और विशाल पंख हैं।

उन्होंने बताया कि ‘ग्रेट हॉर्नबिल’ के इन अनूठे लक्षणों को मुख्य द्वार के डिजाइन में भी शामिल किया गया। वास्तुकार ने कहा, ‘‘मुख्य द्वार का निर्माण बांस और बेंत से किया गया है और सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया गया है। निर्माण की प्रक्रिया सामग्री के चयन से शुरू हुई। अच्छे बांसों की पहचान की गई और सिर्फ उन बांसों का उपयोग किया गया जो चार साल पुराने थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने दो प्रजातियों के बांस चुने… बम्बुसा तुल्दा (जती बांस) जिसका उपयोग छत बनाने के लिए किया गया और बम्बुसा बालकूआ (बालुका) जिसका उपयोग मुख्य संरचना और मेहराब बनाने के लिए किया गया। बांसों को काटने के बाद उन्हें प्रसंस्कृत किया गया और बोरैक्स तथा बोरिक एसिड पाउडर जैसी गैर-विषैले पदार्थों से उनका संरक्षित किया गया जिससे बांस की उम्र कई दशक के लिए बढ़ जाती है।’’

भाषा अर्पणा अमित

अमित

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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