मनमोहक, चुस्त और पराक्रम— वायुसेना दिवस पर IAF का प्रयागराज संगम पर एयर शो, कई जंगी विमान हुए शामिल
IAF ने अपने समृद्ध इतिहास और उपलब्धियों को दर्शाते हुए अपने नए ध्वज का अनावरण किया. प्रयागराज में इस समारोह में 100 से अधिक विमानों ने भाग लिया. साथ ही औपचारिक परेड का भी आयोजन किया गया.
प्रयागराज: एयर चीफ मार्शल वी.आर चौधरी ने वायु सेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में रविवार को भारतीय वायु सेना (IAF) के नए ध्वज का अनावरण किया. नया ध्वज उस पुराने ध्वज की जगह लेगा जो पिछले 70 सालों से अधिक समय से उपयोग में था.
IAF की आधिकारिक तौर पर स्थापना 8 अक्टूबर, 1932 को हुई थी. मार्च 1945 में इसे “रॉयल” की उपाधि मिली और द्वितीय विश्व युद्ध में इसके सराहनीय प्रदर्शन और दक्षता के बाद यह रॉयल इंडियन एयर फोर्स (RIAF) बन गया. हालांकि, बाद में जब भारत एक गणतंत्र बन गया तो “रॉयल” शब्द हटा दिया गया और 1950 में वायुसेना के ध्वज में भी संशोधन किया गया.
जैसे ही वायु सेना ने अपनी 91वीं वर्षगांठ मनाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने इस अवसर पर वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दीं. राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना की “घातक और दुर्जेय शक्ति, अपनी वायु शक्ति को सीमाओं से परे प्रदर्शित करने वाली” के रूप में प्रशंसा की.
वहीं पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “वायु सेना दिवस पर सभी वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को शुभकामनाएं. भारत को भारतीय वायुसेना की वीरता, प्रतिबद्धता और समर्पण पर गर्व है. उनकी महान सेवा और बलिदान सुनिश्चित करता है कि हमारा आसमान सुरक्षित है.”
दिप्रिंट के सूरज सिंह बिष्ट ने वायु सेना दिवस की कुछ झलकियां कैद की है.