नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने देश भर से कुल 9,000 स्कूलों को शॉर्टलिस्ट किया और जल्द ही उन स्कूलों के नाम की घोषणा करेगा जो प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम एसएचआरआई) के लिए पात्र होंगे. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.
शॉर्टलिस्ट किए गए स्कूल अगर सफल हो जाते हैं, तो उन्हें मॉडल स्कूलों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा, जहां छात्रों को हैकाथॉन में हिस्सा लेने, पढ़ाई और एक्स्ट्रा को-करिकुलर गतिविधियों में महारत हासिल करने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी. स्मार्ट क्लासेज और बेहतर बुनियादी ढांचे से लैस पीएम-श्री स्कूल पूरी तरह से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर आधारित होंगे.
इस योजना के पीछे का विचार मॉडल स्कूलों की स्थापना करना है जो शिक्षण और सीखने के तरीकों के मामले में अन्य शैक्षणिक संस्थानों को उनके उदाहरण का पालन करने को मजबूर कर सकें.
शॉर्टलिस्टेड संस्थानों में केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों सहित 2.5 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों से चुना गया है जो इस टैग के लिए आवेदन के योग्य थे.
इन स्कूलों का मूल्यांकन 6 व्यापक मापदंडों – ‘करिकुलम, शिक्षाशास्त्र और मूल्यांकन’, ‘एक्सेस और बुनियादी ढांचा’, ‘मानव संसाधन – लीडरशिप’, ‘समावेशी प्रथाएं और लैंगिक समानता’; ‘प्रबंधन, निगरानी और शासन’ और ‘लाभार्थी संतुष्टि’ के आधार पर किया गया.
शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “हम इस लिस्ट में शामिल स्कूलों से संतुष्ट हैं और बहुत जल्द पात्र स्कूलों के नामों की घोषणा करेंगे.
घोषणा हो जाने के बाद, पीएम-श्री स्कूल केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी से चलेंगे और धन के मामले में केंद्र का योगदान 60 प्रतिशत का होगा, जबकि 40 प्रतिशत राज्य की ओर से दिए जाएंगे.
उक्त अधिकारी ने यह भी बताया कि सात राज्यों – बिहार, उड़ीसा, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और झारखंड को छोड़कर अधिकांश राज्यों ने पीएम-श्री योजना में भाग लेने के लिए मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.
अधिकारी ने कहा, “हमने सभी राज्यों से योजना में हिस्सा लेने के लिए केंद्र के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया है, लेकिन इन सात राज्यों ने अभी तक ऐसा नहीं किया है. यह योजना राज्यों के लाभ के लिए है क्योंकि यह शैक्षिक बुनियादी ढांचे में सुधार करने जा रही है.”
अगले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार की देशभर में पीएम-श्री स्कूलों की संख्या 14,500 तक ले जाने की योजना है.
(संपादनः फाल्गुनी शर्मा)
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