नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) आने वाले दिनों में राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा (नीट) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) को स्थगित करने पर कोई निर्णय ले सकता है.
ये दोनों परीक्षाएं मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए होती हैं. कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से इसे जुलाई तक स्थगित कर दिया गया था लेकिन इस बीच कोरोना के तेज़ी से बढ़ते मामलों को देखते हुए छात्रों की मांग है कि इसे और आगे बढ़ाया जाए.
इन चिंताओं पर संज्ञान लेते हुए एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) जो उच्च शिक्षा के लिए होने वाली परीक्षाओं को देखती है, उसे और अन्य जानकारों को शुक्रवार तक जमीनी और महामारी की मौजूदा स्थिति में परीक्षाएं कराने की संभावनाओं पर रिपोर्ट देने को कहा है.
गुरुवार को एक वीडियो संदेश में मंत्री ने कहा था कि वो जमीनी स्थिति पर नज़र रख रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘मुझे जेईई और नीट की परीक्षा देने वाले छात्रों की तरफ से ई-मेल और सोशल मीडिया के जरिए परीक्षा को स्थगित करने की मांग की जा रही है.’
मंत्री ने कहा, ‘हमने एनटीए और विशेषज्ञों की एक समिति बनाई है. मैंने समिति को अच्छी तरह से स्थिति को देखने और शुक्रवार तक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है.’
उन्होंने कहा, ‘समिति की रिपोर्ट के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा ताकि हम छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकें.’
नीट की परीक्षा 26 जुलाई को होनी है वहीं जेईई (मेंस) की परीक्षा 18 से 23 जुलाई के बीच होनी है.
हालांकि छात्र परीक्षा को स्थगित कराने के लिए ऑनलाइन याचिका, ट्विटर पर मुहीम चलाकर सरकार तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं.
यह भी पढ़ें: मध्य भारत में समय से पहले आए मानसून की बारिश के कारण खरीफ फसलों की बुवाई दोगुनी हुई
एनआरआई भी परीक्षाओं को स्थगित कराना चाहते हैं
इस बीच बुधवार को पश्चिम एशिया में रहने वाले 4 हज़ार के करीब एनआरआई छात्रों के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली जिसमें नीट परीक्षा को स्थगित करने की मांग है. उन्होंने कहा कि भारत के बाहर कोई परीक्षा केंद्र नहीं है और इस समय अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध है.
परिजनों की तरफ के वकील हैरिस बीरन और पल्लवी प्रताप ने याचिका में कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने बंद होने के कारण छात्र परीक्षा न लिख पाने के लिए बाध्य हैं. अगर मान भी लें कि उनके पास वंदे भारत मिशन के तहत सीट है भी तो भारत पहुंचने के बाद उन्हें कोविड के कारण क्वारेंटाइन में जाना होगा.’
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)