नई दिल्ली: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नोटिस जारी किए जाने के एक महीने बाद बुधवार को सरकार ने इस पद के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री विजय सांपला के नाम पर मुहर लगा दी.
राष्ट्रपति की तरफ से मंजूरी मिलने पर नए अध्यक्ष की नियुक्ति संबंधी एक गजट अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.
सांपला ने 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री के रूप में कामकाज संभाला था. उन्हें पंजाब के दोआबा क्षेत्र में पार्टी का दलित चेहरा कहा जाता है, जहां होशियारपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर वह पहली बार सांसद बने थे. अप्रैल 2016 में उन्हें पंजाब भाजपा प्रमुख के तौर पर भी नियुक्त किया गया था. हालांकि, उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला था.
अक्टूबर 2020 में पंजाब के मुक्तसर में किसानों के प्रदर्शन के दौरान सांपला को हिरासत में लिया गया और बाद में रिहा कर दिया गया.
आयोग पिछले साल मई से अध्यक्ष और सदस्यों के बिना ही था, जिसे लेकर विपक्ष की तरफ से लगातार आलोचना करते हुए कहा जा रहा था कि दलित समुदायों के लोगों के खिलाफ अत्याचार कथित तौर पर बढ़ रहे हैं.
आयोग न केवल दलित समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा करने के लिए बना है, बल्कि उनके अधिकारों से वंचित करने से संबंधित शिकायतों पर जांच भी कर सकता है.
अन्य सदस्य
राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य और पश्चिम बंगाल में भाजपा के राज्य सचिव अरुण हलदर का नाम आयोग के उपाध्यक्ष पद के लिए सुझाया गया है.
उत्तर प्रदेश में मिश्रिख निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व सांसद और भाजपा नेता अंजू बाला और भाजपा नेता सुभाष पारधी को सदस्यों के रूप में अनुमोदित किया गया है.
इससे पूर्व भाजपा नेता और पूर्व सांसद राम शंकर कठेरिया अध्यक्ष और पार्टी की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख एल. मुरुगन उपाध्यक्ष थे. उनका कार्यकाल पिछले साल मई में खत्म हुआ था.
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