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शुक्रवार, 25 अप्रैल, 2025
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राज्यपाल, किरेन रीजीजू ने अरुणाचल प्रदेश राज्य स्थापना दिवस पर विकास एवं संपर्कता की चर्चा की

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ईटानगर, 20 फरवरी (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) के.टी. परनाइक और केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य विकास के पथ पर अग्रसर है तथा सरकार बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने राज्य के 39वें स्थापना दिवस पर ये बयान दिये।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी आज अरुणाचल प्रदेश के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनकी जीवंत जनजातीय विरासत और अद्भुत जैव विविधता इस राज्य को वास्तव में विशेष बनाती है।

राज्यपाल ने यहां तिरंगा फहराया तथा राज्य में हुई उल्लेखनीय प्रगति को सराहा लेकिन साथ ही वर्तमान चुनौतियों से निपटने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए अपील की कि बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम करने के प्रयास किए जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी बच्चे पढ़ाई पूरी करें।

उन्होंने कहा कि जब विद्यार्थी अपनी शिक्षा पूरी करेंगे तभी अरुणाचल अपने खुद के शिक्षक, इंजीनियर और डॉक्टर तैयार कर सकता है जिससे दूसरे राज्यों पर निर्भरता कम होगी।

परनाइक ने स्वच्छता और पर्यावरण प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हुए नागरिकों से स्वच्छता बनाए रखने और कचरे के उचित प्रबंधन के लिए ‘मिशन मोड’ में काम करने की अपील की।

उन्होंने कहा, ‘‘एक हरित और सुनियोजित राज्य को अवैध संरचनाओं, अतिक्रमणों और अनियमित निर्माण से मुक्त होना चाहिए।’’

उन्होंने गांव के स्वयंसेवकों से स्वच्छता की जिम्मेदारी लेने का आह्वान करते हुए कचरे को बिजली और उपयोगी उत्पादों में बदलने के लिए तकनीकी समाधानों का उपयोग करने का सुझाव दिया।

राज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि सड़कों और राजमार्गों से यात्रियों में प्रेरणा पैदा होनी चाहिए तथा सामुदायिक प्रयासों को स्वच्छ और व्यवस्थित वातावरण बनाए रखने में भूमिका निभानी चाहिए।

राज्यपाल ने राज्य में नशीले पदार्थों के बढ़ते खतरे का जिक्र करते हुए रोकथाम और पुनर्वास का दोतरफा दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि यह (नशा) सामाजिक ताने-बाने को नष्ट कर रहा है।

परनाइक ने एकता, जवाबदेही और युवाओं तथा संस्कृति में निवेश का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘आज हम जो चुनाव करेंगे, वे हमारे भविष्य को आकार देंगे। आइए हम अपने राज्य की सफलता और सद्भाव के लिए साहसपूर्वक कार्य करें।’’

परनाइक ने प्रमुख बुनियादी ढांचे और बिजली क्षेत्र के विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार ने 4,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण किया है, जिससे दूरदराज के गांवों तक संपर्क सुविधा सुनिश्चित हुई है और सभी जिला मुख्यालयों को दो-लेन राजमार्गों के माध्यम से जोड़ा गया है।

केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा है कि करोड़ों रुपये की लागत वाली ‘फ्रंटियर हाईवे’ परियोजना अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए क्रांतिकारी साबित होगी।

रीजीजू ने कहा कि यह देश में ‘‘किसी एक परियोजना के लिए केंद्र द्वारा किया गया अब तक का सबसे अधिक आवंटन है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘फ्रंटियर हाईवे भारत के इतिहास की सबसे बड़ी सड़क परियोजना होगी। यह करीब 1,400 किलोमीटर लंबी होगी और इस पर करीब 42,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इससे राज्य के सीमावर्ती इलाकों की तस्वीर बदलने जा रही है।’’

केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रीजीजू ने हालांकि मुआवजा संबंधी मुद्दों के कारण संभावित बाधाओं को लेकर चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों से मेरी अपील है कि कृपया मुआवजा पाने के लिए बिल को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की कोशिश न करें। बाधाएं न डालें। अगर जमीन का मुद्दा उठता है, तो इससे परियोजनाओं में देरी होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का ध्यान पूर्वोत्तर के विकास पर है और उन्होंने सभी मंत्रियों को हर 15 दिन पर पूर्वोत्तर राज्यों का दौरा करने एवं उनकी समस्याओं को समझने तथा उसके अनुसार कार्य करने का निर्देश दिया है।’’

अरुणाचल प्रदेश के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए मोदी ने कहा कि यह राज्य अपनी समृद्ध परंपराओं और प्रकृति से गहरे जुड़ाव के लिए जाना जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश के मेहनती और गतिशील लोग भारत के विकास में लगातार बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं, जबकि उनकी जीवंत आदिवासी विरासत और लुभावनी जैव विविधता इस राज्य को वास्तव में विशेष बनाती है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश की उन्नति जारी रहे तथा आने वाले वर्षों में इसकी प्रगति और सद्भाव की यात्रा और भी आगे बढ़े।’’

अरुणाचल प्रदेश 20 फरवरी, 1987 को एक पूर्ण राज्य बना था। सन् 1972 तक उसे ‘नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी’ के नाम से जाना जाता था। उसे 20 जनवरी, 1972 को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला था और इसका नाम बदलकर अरुणाचल प्रदेश कर दिया गया था।

भाषा

राजकुमार प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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