कोलकाता, सात मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को उस वक्त अजीबोगरीब दृश्य देखने को मिला, जब हाल में संपन्न निकाय चुनावों में हुई कथित हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों के विरोध के कारण राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपने आरंभिक अभिभाषण में कमी करनी पड़ी।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की महिला विधायक ने राज्यपाल से अपना अभिभाषण देने का अनुरोध किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस विरोध और हंगामे को ‘‘अप्रत्याशित’’ बताया जबकि राज्यपाल ने कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए।
भाजपा विधायक नगर निकाय चुनाव की हिंसा के कथित पीड़ितों के पोस्टर और तस्वीरें लेकर आसन के समीप पहुंच गए और विरोध प्रदर्शन किया। राज्यपाल दो बार भाजपा विधायकों से आग्रह किया कि वे कार्यवाही शुरू होने दें, लेकिन वे (भाजपा सदस्य) नहीं माने। प्रदर्शन कर रहे सदस्यों ने सदन में ‘जय श्रीराम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगाये।
राज्यपाल जैसे ही सदन से जाने लगे, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने उनसे रूकने का आग्रह किया। इसके बाद धनखड़ ने एक बार फिर भाजपा सदस्यों से शांत होने तथा कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया, लेकिन भाजपा सदस्यों ने एक न सुनी।
टीएमसी सदस्यों ने भी दो बजकर 26 मिनट के बाद से भाजपा विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिये। प्रदर्शन से नाराज धनखड़ ने तीन बार सदन से जाने की कोशिश की लेकिन टीएमसी विधायकों ने उन्हें रोक लिया। सदन में यह हंगामा दोपहर तीन बजे तक चलता रहा। वित्तीय पीठ के बार-बार अनुरोध करने के बाद धनखड़ ने अपना अभिभाषण सदन के पटल पर रखा और वहां से चले गए।
बाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के प्रदर्शन का मकसद संवैधानिक अशांति पैदा करना था लेकिन ऐसा हुआ नहीं क्योंकि राज्यपाल ने अपना अभिभाषण सदन के पटल पर रखने का उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘भाजपा ने विधानसभा में आज जो किया है वह लोकतंत्र के लिए शर्मिंदगी की बात है। यह अभूतपूर्व है। भगवा पार्टी संवैधानिक संकट पैदा करना चाहती है। हमने राज्यपाल से अपने अभिभाषण की कम से कम एक पंक्ति पढ़ने और उसे सदन में पेश करने का अनुरोध किया। उन्होंने हमारा आग्रह स्वीकार कर लिया। हम उनके आभारी हैं।’’
विपक्ष के नेता और भाजपा के नंदीग्राम से विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि विपक्षी सदस्य निकाय चुनावों के दौरान हिंसा और छेड़छाड़ की कथित घटनाओं के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराना चाहते थे।
पिछले साल जुलाई में धनखड़ को विपक्षी भाजपा के प्रदर्शन के बीच नव गठित विधानसभा में अपने उद्घाटन अभिभाषण की अवधि कम करनी पड़ी थी।
धनखड़ ने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। आज जो हुआ वह सही नहीं था। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विधानसभा में हुई अनहोनी से क्षुब्ध हूं। महिला मंत्रियों और विधायकों के अप्रत्याशित हंगामे के प्रयास से आहत हूं और यह अत्यंत दुख की बात है। हमारी संस्कृति कलंकित हुई है। लोकतंत्र का मंदिर तबाह हुआ है।’’
भाषा सुरभि रंजन
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