नागपुर, दो मई (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य सरकार के 100 दिन के रिपोर्ट कार्ड ने एक बार फिर सत्तारूढ़ महायुति सहयोगियों के बीच जारी ‘शीत युद्ध’ को सामने ला दिया है।
कांग्रेस नेता ने यहां संवाददाताओं से कहा कि रिपोर्ट कार्ड के जरिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह दिखाने की कोशिश की है कि उन्होंने और उनके विभागों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठबंधन सहयोगियों शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है।
पिछले साल दिसंबर में विधानसभा चुनावों में महायुती की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद फडणवीस ने प्रत्येक विभाग के लिए 100-दिवसीय कार्यक्रम निर्धारित किया था जिसमें महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए गए थे।
फडणवीस ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि 48 विभागों में से एक दर्जन ने पूर्ण 100 अंक प्राप्त किए हैं तथा 18 अन्य ने निर्धारित अवधि में अपने 80 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य हासिल कर लिए हैं।
रिपोर्ट कार्ड के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए सपकाल ने कहा कि पिछले 100 दिनों में राज्य में महायुति के तीनों घटकों के बीच एक-दूसरे से आगे निकलने का खेल देखने को मिला।
उन्होंने कहा कि पिछले 100 दिनों में मंत्रियों और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की कई बार मांग की गई। एक मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा, जबकि दूसरे को दोषी ठहराया गया।
सपकाल का इशारा राकांपा नेता धनंजय मुंडे की ओर था, जिन्होंने अपने करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को बीड सरपंच हत्या मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं 1995 के धोखाधड़ी और जालसाजी मामले में कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे को दोषी ठहराया गया था।
सपकाल ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग को लाडकी बहन योजना के तहत मासिक सहायता राशि 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का वादा पूरा न करने के बावजूद शीर्ष प्रदर्शनकर्ता के रूप में दिखाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह हास्यास्पद है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह रिपोर्ट कार्ड तीनों सत्तारूढ़ दलों के बीच जारी ‘शीत युद्ध’ की झलक पेश करता है और यह भी संकेत देता है कि फडणवीस का पलड़ा भारी है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में इस सरकार के कामकाज से यह निष्कर्ष निकलता है कि उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नष्ट कर दिया है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
भाषा शोभना नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.