नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) सरकार पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य संघर्ष के बाद अब वैश्विक स्तर पर भारत का पक्ष रखने के लिए विभिन्न दलों के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को विदेश भेजेगी। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि वह इस प्रयास का हिस्सा होगी।
इस मामले पर फिलहाल सरकार की तरफ से आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने इस बारे में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात की है।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमलों और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर दो सर्वदलीय बैठकों की अध्यक्षता करने से इनकार कर दिया। प्रधानमंत्री संसद का विशेष सत्र बुलाने पर सहमत नहीं हुए। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सामूहिक संकल्प दिखाने और 22 फरवरी, 1994 को संसद द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को दोहराने की मांग कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी लगातार कांग्रेस को बदनाम कर रही है, जबकि उसने एकता और एकजुटता का आह्वान किया है।
रमेश का कहना है, ‘‘अब अचानक प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत का रुख समझाने के लिए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजने का फैसला किया है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमेशा राष्ट्रीय हित के साथ खड़ी होती है और कभी भी भाजपा की तरह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करती है। इसलिए, कांग्रेस निश्चित रूप से इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होगी।’’
बीते 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया तथा पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
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हक नरेश
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