scorecardresearch
बुधवार, 30 अप्रैल, 2025
होमदेशनिर्माणाधीन सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय में रांगेय राघव के नाम से शोध पीठ स्थापित करेगी सरकार

निर्माणाधीन सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय में रांगेय राघव के नाम से शोध पीठ स्थापित करेगी सरकार

Text Size:

आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश), चार अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में निर्माणाधीन महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय में प्रसिद्ध साहित्यकार रांगेय राघव के नाम से एक शोध पीठ स्थापित की जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ में 143 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 50 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करने के बाद अपने संबोधन में महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय में प्रसिद्ध साहित्यकार रांगेय राघव के नाम से एक नयी शोध पीठ स्थापित करने की घोषणा की।

उन्होंने कहा, ‘आजमगढ़ साहित्यकारों की धरती रही है। यहां के ही सुप्रसिद्ध साहित्यकार रांगेय राघव की रचनाएं हम सबको एक नयी दिशा देती हैं। हम सुहेलदेव विश्वविद्यालय में उनके नाम से एक नयी शोध पीठ स्थापित करेंगे। आज मैं इसकी घोषणा करता हूं।’

देश के बहुमुखी प्रतिभा के धनी रचनाकारों में शुमार किए जाने वाले रांगेय राघव का जन्म 17 जनवरी 1923 को आगरा में हुआ था उन्होंने बहुत कम उम्र में ही एक साथ उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार, आलोचक, नाटककार, कवि, इतिहासवेत्ता तथा रिपोर्ताज लेखक के रूप में खुद को स्थापित कर दिया। उन्होंने कहानी के पारंपरिक ढांचे में बदलाव लाते हुए नवीन कथा प्रयोगों द्वारा उसे मौलिक कलेवर में विस्तृत आयाम दिया।

उनके प्रमुख उपन्यासों में विषाद मठ, उबाल, राह न रुकी, बारी बरणा खोल दो, देवकी का बेटा, यशोधरा जीत गयी, घरौंदा, लोई का ताना और बीन शामिल हैं।

इसके अलावा उन्होंने अवसाद का छल, गूंगे, प्रवासी, घिसटता कम्बल, पेड़, नारी का विक्षोभ, काई, समुद्र के फेन, देवदासी, कठपुतले, तबेले का धुंधलका, जाति और पेशा और अधूरी मूरत नामक कहानियां भी लिखीं।

राघव को उत्तर प्रदेश सरकार पुरस्कार, हिन्दुस्तान अकादमी पुरस्कार, डालमिया पुरस्कार, राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा मरणोपरांत महात्मा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

रांगेय राघव की मृत्यु 12 सितंबर 1962 में हो गई थी।

भाषा सलीम धीरज

धीरज

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments