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शनिवार, 3 मई, 2025
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अगली पीढ़ी की बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली खरीदेगी सरकार

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नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) सरकार ने अगली पीढ़ी की बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली या वीएसएचओआरएडीएस (एनजी) खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो ‘दिन और रात दोनों समय’ और बर्फीले स्थानों सहित सभी मौसम की स्थिति में हवाई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम होनी चाहिए।

रक्षा मंत्रालय ने खरीद के लिए प्रस्ताव हेतु अनुरोध (आरएफपी) जारी किया है, जिसे शनिवार को भारतीय सेना की वेबसाइट पर अपलोड किया गया।

आरएफपी में मंत्रालय ने कहा कि वह ‘‘(भारतीय) खरीद श्रेणी के तहत 48 लांचर, 48 नाइट-विजन साइट्स, 85 मिसाइल और बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (नयी पीढ़ी) या वीएसएचओआरएडीएस (एनजी) का एक मिसाइल परीक्षण स्टेशन’’ खरीदने का इरादा रखता है और आवश्यकताओं के अधीन खरीद प्रक्रिया में संभावित बोलीदाताओं से भागीदारी चाहता है।’’

आरएफपी दस्तावेज में ‘‘परिचालन विशेषताओं और विशेषता’’ शीर्षक अंतर्गत, कहा गया है, ‘‘उभरते हवाई खतरे से निपटने के लिए, सेना वायु रक्षा को प्रभावी टर्मिनल और प्वाइंट रक्षा के लिए बहुत कम दूरी वायु रक्षा (वीएसएचओआरएडीएस) ‘मैनपोर्टेबल’ मिसाइल प्रणाली की आवश्यकता है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘इन्फ्रा-रेड होमिंग (आईआर) तकनीक पर आधारित ये वीएसएचओआरएडी प्रभावी फायर-एंड-फॉरगेट प्रकार की मिसाइल प्रणाली हैं और इन्हें वीएसएचओआरएडी (एनजी) कहा जा रहा है।’’

‘मैनपोर्टेबल’ का मतलब है एक ऐसी वस्तु जिसे एक व्यक्ति द्वारा लंबी दूरी तक ले जाया जा सकता है।

आरएफपी नियोजित वीएसएचओआरएडीएस (एनजी) के लिए जनरल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वारमेंट (जीएसक्यूआर) को परिभाषित करता है।

इसमें कहा गया है, ‘‘इस प्रणाली में एक आईआर होमिंग मिसाइल शामिल होनी चाहिए जो एक ‘मैनपोर्टेबल लॉन्चिंग मैकेनिज्म’ और उपयुक्त दृष्टि प्रणाली से जुड़ी हो, ताकि दिन और रात दोनों समय लक्ष्यों को निशाना बनाया जा सके।’’

इसमें कहा गया है कि इसमें लड़ाकू विमानों, परिवहन विमानों, हेलीकॉप्टरों और यूएएस (मानव रहित हवाई प्रणाली) से निपटने की क्षमता होनी चाहिए।

इस खरीद का उद्देश्य किसी भी प्रतिकूल हवाई खतरे से निपटने के लिए सेना की वायु-रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना है।

आरएफपी दस्तावेज के ‘‘प्रपोज्ड सर्विस इम्प्लायमेंट’’ शीर्षक के अंतर्गत कहा गया है कि वीएसएचओआरएडीएस (एनजी) का उपयोग ‘‘तीनों सेवाओं द्वारा सभी प्रकार के विमानों, हेलीकॉप्टरों और यूएएस के खिलाफ टर्मिनल और प्वाइंट रक्षा प्रणाली के रूप में किया जाएगा।’’

वायु रक्षा प्रणाली को भूमि और जहाज आधारित प्लेटफार्म पर तैनात किये जाने का प्रस्ताव है।

भाषा

अमित माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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