श्रीनगर, 20 मई (भाषा) हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने सोमवार को कहा कि सरकार को राजनीतिक कैदियों और युवाओं के खिलाफ बल प्रयोग से बचना चाहिए।
दिवंगत मीरवाइज मोहम्मद फारूक और अब्दुल गनी लोन को श्रद्धांजलि देते हुए हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने कहा कि इन नेताओं की अनुपस्थिति और उनके मार्गदर्शन की कमी अब भी महसूस होती है।
आतंकवादियों ने मीरवाइज मोहम्मद फारूक की 21 मई 1990 को हत्या कर दी थी, जबकि अब्दुल गनी लोन की हत्या 21 मई 2002 को की गई थी।
संगठन ने कहा, ‘‘उनकी कमी की भरपाई कभी नहीं की जा सकती, लेकिन जिन मूल्यों को उन्होंने जीया और जिस रास्ते पर वे चले उनका अनुसरण किया जा सकता है। ये मूल्य मानवता, सम्मान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, असहमति के प्रति सहिष्णुता, संवाद, अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा और न्याय के हैं।’’
भाषा धीरज दिलीप
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